मैसूरु , अक्टूबर 05 -- भव्य मैसूरु दशहरा समारोह और इसकी शानदार जंबू सवारी में भाग लेने के बाद गजराज अभिमन्यु की टीम के चौदह हाथी आज अपने शिविरों में लौट आये। इस दौरान लोग इनकी झलक पाने के लिये सड़कों पर उमड़ पड़े।
गजराज अभिमन्यु की आयु 59 वर्ष है और उसका वजन लगभग पांच टन है जिसने पिछले कई वर्षों से अपने दल के अन्य हाथियों के साथ प्रतिष्ठित मैसूरु दशहरा जुलूस का बेहद अनुशासित एंव संयम के साथ नेतृत्व किया है। मैसूर दशहरा के लिए कुल 14 हाथियों का चयन किया गया था, जिनमें अभिमन्यु ने प्रमुख हाथी के रूप में स्वर्ण हौदा में देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति को ले जाने की जिम्मेदारी निभायी थी। अन्य हाथियों में भीम, धनंजय, कंजन, एकलव्य, प्रशांत, महेंद्र, कावेरी, और लक्ष्मी शामिल थे, जिन्होंने जंबू सवारी जुलूस में हिस्सा लिया था। अभिमन्यु हाथी, सदियों पुरानी शाही परंपराओं पर आधारित दस दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव मैसूर दशहरा का प्रतीक बन गया है।
महल परिसर में पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद हाथियों को उनके महावतों और सेवकों के साथ कोडी सोमेश्वर मंदिर में वन विभाग को सौंप दिया गया।
पिछले 60 दिनों से ये हाथी दशहरा उत्सव का आकर्षण केन्द्र रहे थे और महल से बन्नी मंडप तक एक सावधानीपूर्वक तैयार किए गए दो-चरणीय जुलूस में मार्च करते हैं। उनकी दिनचर्या में लकड़ी के चबूतरे पर चढ़ना, ढोल कार्यक्रम में हिस्सा लेना और नियमित रूप से वजन और स्वास्थ्य जांच करवाना शामिल था। इस दौरान शहरवासी हर पल को देखते, उसकी तस्वीरें लेते और सोशल मीडिया पर साझा करते रहे।
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