भोपाल , दिसंबर 27 -- मध्यप्रदेश पुलिस और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) भोपाल के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत मैनिट परिसर में 'सार्वजनिक सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र' (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पब्लिक सेफ्टी) की स्थापना की जाएगी। यह घोषणा पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने मैनिट में आयोजित ग्लोबल एलुमनाई मीट-2025 के दौरान की।

इस अवसर पर मैनिट के 1986 बैच के पूर्व छात्र एवं वर्तमान डीजीपी श्री कैलाश मकवाणा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र तकनीक आधारित भविष्य की पुलिसिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पुलिस और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग का राष्ट्रीय स्तर पर अनुकरणीय मॉडल बनेगा। यह केंद्र थिंक टैंक एवं प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करते हुए स्मार्ट पुलिसिंग, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक, डेटा एनालिटिक्स, क्राउड मैनेजमेंट और यातायात प्रबंधन जैसे विषयों पर शोध एवं प्रशिक्षण गतिविधियों का संचालन करेगा।

डीजीपी श्री मकवाणा ने कहा कि वर्ष 2026 में सड़क सुरक्षा को प्राथमिक लक्ष्य के रूप में लिया गया है, जिसमें मैनिट की सिविल एवं रोड इंजीनियरिंग विशेषज्ञता सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में सहायक सिद्ध होगी। साथ ही यह केंद्र सिंहस्थ-2028 जैसे विशाल आयोजनों के लिए वैज्ञानिक क्राउड मॉडलिंग, ट्रैफिक प्लानिंग और सुरक्षा प्रबंधन में भी सहयोग प्रदान करेगा।

अपने संबोधन में डीजीपी ने मध्यप्रदेश पुलिस की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रभावी रणनीति और सशक्त अभियानों के चलते प्रदेश अब नक्सल मुक्त हो चुका है। उन्होंने साइबर अपराधों से निपटने के लिए शुरू की गई ई-जीरो एफआईआर व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख रुपये से अधिक के साइबर फ्रॉड मामलों में शिकायत स्वतः एफआईआर में परिवर्तित हो सकेगी, जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय मिलेगा। उन्होंने 'नशे से दूरी है जरूरी' जन-जागरूकता अभियान को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा सम्मानित किए जाने की जानकारी भी दी।

पूर्व छात्र के रूप में संस्थान से जुड़ी स्मृतियां साझा करते हुए डीजीपी श्री मकवाणा ने मैनिट में ब्लेजर परंपरा को पुनः प्रारंभ करने का सुझाव दिया। उन्होंने संस्थान के 90 प्रतिशत से अधिक प्लेसमेंट, सुदृढ़ होते शैक्षणिक वातावरण और विकसित होते आधारभूत ढांचे की सराहना की।

उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जीआईएस मैपिंग, ड्रोन तकनीक और उन्नत डेटा एनालिसिस के माध्यम से पुलिसिंग को अधिक वैज्ञानिक, पारदर्शी, स्मार्ट और प्रभावी बनाएगा। इस एमओयू को साकार करने में वास्तुकला एवं नियोजन विभाग के डॉ. राहुल तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ पूर्व छात्र, शिक्षाविद् एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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