बेंगलुरु , अक्टूबर 16 -- कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि जब राज्य में गठबंधन सरकार गिर गयी तो उन्होंने कांग्रेस के प्रति वफादार बने रहने के लिये राजनीतिक लाभ के बजाय कारावास को चुना था।
यहां फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफकेसीसीआई) हॉल में केएम रघु द्वारा लिखित एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोलते हुए श्री शिवकुमार ने राजनीतिक संकट के दौरान पार्टी के साथ बने रहने के अपने फैसले को याद किया।
उन्होंने कहा कि जब सरकार गिरी तो मैंने पार्टी के प्रति वफादार बना रहा और कारावास गया। उन्होंने बताया कि किस तरह वे इस्तीफा देने की कगार पर खड़े दस विधायकों को मनाने के लिये कनकपुरा से बेंगलुरु पहुंचे थे।
उपमुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि एक अधिकारी ने उनसे पूछा कि वह उपमुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे या कारावास जाना। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं कारावास जाऊंगा। कांग्रेस ने मुझे पहचान दी, पद और राजनीतिक जीवन दिया, इसे मैं धोखा नहीं दे सकता।
श्री शिवकुमार ने अपनी राजनीतिक शुरुआत के बारे में बात करते हुए कहा कि नेतृत्व का उनका पहला अनुभव माउंट कार्मेल में स्कूल के दिनों में हुआ, जहाँ वे "दबाव" में छात्र चुनाव हार गये थे। उन्होंने याद करते हुए कहा, "तब भी, मेरे मन में एक राजनेता बनने की इच्छा थी।"राजनीति में नये चेहरों की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत लोग राजनीति में अब भी काम कर रहे है, सिर्फ 20 प्रतिशत को पद मिला है। मैं 63 वर्ष का हूं। नये लोगों को आगे आना चाहिये। पांच निगमों ने जो किया है, उसके कारण बेंगलुरु में 500 से अधिक नये नेता उभरेंगे।
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