लखनऊ , अक्टूबर 07 -- उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को ब्रेन हैमरेज हुआ है। उनका लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर चल रही ख़बरों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा है कि बसचार दिन में फिर से उसी राजनीतिक अखाड़े में दो-दो हाथ करूंगा और आप सबकी सेवा में उपस्थित रहूंगा।
स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, " अपने प्रातःस्मरणीय शुभचिंतक भाइयों एवं बहनों से विनम्रतापूर्वक आग्रह है। मैं स्वस्थ ही नहीं, पूर्णतः स्वस्थ हूं। आप सब बिल्कुल चिंता न करें और किसी भी अफ़वाह पर ध्यान न दें।"उन्होंने कहा , " यह बात सही है कि मुझे थोड़ा सा उपचार, वह भी शांतिपूर्ण वातावरण में आवश्यक था। इसलिए यशस्वी उपमुख्यमंत्री आदरणीय श्री ब्रजेश पाठक अपनी देखरेख में मेरा उपचार करा रहे हैं। बस दो-चार दिन में फिर से उसी राजनीतिक अखाड़े में दो-दो हाथ करूंगा और आप सबकी सेवा में उपस्थित रहूंगा।"श्री सिंह ने लिखा है कि, " बिहार में पार्टी की सरकार बनाने में अपना तन, मन और धन से योगदान दूंगा। आप सब साक्षी हैं कि कितने अभाव और विपत्तियों को मैंने साहस, धैर्य और विनम्रता से झेलकर यहाँ तक पहुँचा हूँ। आपकी दुआओं से ही यह संभव हुआ है। ये छोटी-मोटी बाधाएँ मेरी खुराक नहीं, बल्कि मेरे लिए नाश्ते के समान हैं।"ग़ौरतलब है कि दिनेश प्रताप सिंह को इलाज के लिए चार अक्टूबर को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने एमआरआई स्कैन कराया, जिसमें ब्रेन हैमरेज की पुष्टि हुई। स्ट्रोक से उनके एक हाथ और एक पैर में चोट लगी है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि मानसिक तनाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
बताया जा रहा है कि मंत्री दिनेश प्रताप सिंह पिछले दो महीनों से राजनीतिक तनाव में हैं। पहले कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने उन पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद भाजपा विधायक अदिति सिंह ने भी उन्हें घेरा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 10 सितंबर को रायबरेली आए थे। राहुल के रायबरेली दौरे के दौरान मंत्री दिनेश सिंह चर्चा में रहे। वह अपने समर्थकों के साथ राहुल गांधी के रास्ते में धरने पर बैठ गए। उन्होंने 'राहुल वापस जाओ' के नारे लगाए। इस दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई। नाराज दिनेश प्रताप सिंह ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
दिनेश प्रताप सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह पहली बार 2010 में और दूसरी बार 2016 में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बने। 2018 में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में भाजपा ने उन्हें सोनिया गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा। वह यह चुनाव 1.67 लाख वोटों से हार गए।
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