भरतपुर , नवम्बर 25 -- राजस्थान में भरतपुर में केंद्र सरकार द्वारा लागू की गयी चार श्रम संहिताओं के विरोध में मेडिकल एण्ड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन ने मंगलवार को राज्यव्यापी आंदोलन के तहत कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

इस अवसर पर यूनियन के सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर श्रम संहिता की प्रतियां भी जलायी। यूनियन के महासचिव जीतेंद्र कुंबज ने बताया कि मोदी सरकार द्वारा लागू की गयी चार श्रम संहिताओं का यूनियन पिछले पांच वर्ष से विरोध कर रही है। पुराने चार नियम जो बदले गये हैं, उनमें पूंजीपतियों को सहायता देने का काम किया गया है।

उन्होंने बताया कि पहले जब मजदूर काम करता था और ठेकेदार पैसा नहीं देता था तो फैक्ट्री मालिक उसका जिम्मेदार होता था। अब नियम बदल दिया गया है। अब ठेकेदार ही मजदूर को पैसे देने का जिम्मेदार होगा। इसके अलावा मजदूरों को सिर्फ 11 महीने काम करवाकर निकाल दिया जाएगा, जिससे वह स्थाई कर्मचारी न बन सके।

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