शिलांग , अक्टूबर 28 -- मेघालय के शिक्षा मंत्री लखमेन रिंबुई ने कहा है कि राज्य सरकार देश भर के सभी सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) अनिवार्य करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए एक समीक्षा याचिका दायर करेगी।
श्री रिंबुई ने कहा, "हम उच्चतम न्यायालय से उन सभी शिक्षकों को छूट देने की अपील करेंगे जिनकी नियुक्ति शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से पहले हुयी थी।"शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के राज्य में दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इससे मेघालय में 32,000 से ज़्यादा शिक्षक प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, "इस फैसले का पूर्वव्यापी प्रभाव होगा। जिन शिक्षकों ने पहले ही 20-25 साल की सेवा दे दी है, उन्हें अब दो साल के भीतर टेट पास करना होगा।"उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने अंजुमन इशात-ए-तालीम ट्रस्ट बनाम महाराष्ट्र सरकार एवं अन्य मामले में कक्षा एक से आठ तक के सभी कार्यरत शिक्षकों को अपने पद पर बने रहने और पदोन्नति के लिए टेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है।
मेघालय सर्व शिक्षा अभियान स्कूल एसोसिएशन (एमएसएसएएसए) ने 25 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर सभी कार्यरत शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य करने वाले अपने फैसले की समीक्षा की मांग की है।
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