इंफाल , अक्टूबर 10 -- मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि सभी सीमा विवादों काे शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिये।
श्री संगमा ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि असम और मेघालय के बीच लगभग 12 विवादित क्षेत्र हैं जिनमें से छह का समाधान पहले ही हो चुका है।
श्री संगमा एनपीपी नेताओं और लोगों से मिलने के लिए मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ मिलकर सीमा विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि 52 साल पुरानी समस्या का समाधान इतनी आसानी से नहीं हो सकता।
श्री संगमा ने असम और मेघालय के ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों सरकारों ने सुरक्षा के कड़े कदम उठाए हैं। लेकिन झड़प में शामिल ग्रामीणों की संख्या ज्यादा थी।
उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्षों के ग्रामीण लंबे समय से सीमा पार स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं और मेघालय सरकार ने समाधान की दिशा में काम करने के लिए कई टीमें गठित की हैं। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के ग्रामीणों से यह भी पूछा गया कि वे असम का हिस्सा बनना पसंद करेंगे या मेघालय का।
.श्री संगमा ने कहा कि सीमा विवादों को सुलझाने के लिए शांति समितियों का गठन किया गया है और उन्होंने ग्रामीणों से सरकारों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने सभी से हिंसा से दूर रहने की अपील की और आश्वासन दिया कि सरकार कोई एकतरफा फैसला नहीं थोपेगी बल्कि इस मामले में कोई भी कदम उठाने से पहले लोगों से सलाह-मशविरा करेगी।
श्री संगमा ने मणिपुर समस्या पर कहा एनपीपी 'आलाकमान' संस्कृति में विश्वास नहीं करती और चाहती है कि हर इकाई स्वतंत्र रूप से काम करे। उन्होंने कहा कि मणिपुर संकट जटिल है। हालांकि सभी हितधारकों को राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को ठेस पहुंचाए बिना एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में काम करना चाहिए।
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