शिलांग , नवंबर 21 -- सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वेस्टर्न कमांड के महानिरीक्षक हरबक्स सिंह ढिल्लों ने कहा कि मेघालय की खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता बल्कि इसे समझने के लिए महसूस करना होगा और उसे जीना होगा।
श्री ढ़िल्लों ने मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मेघालय के मशहूर वार्ड्स लेक के शिलांग लिटरेरी फेस्टिवल में उनकी पुस्तक 'बीएसएफ एंड मेघालय : थ्रू द लेंस ऑफ ए बॉर्डरमैन' के लोकार्पण के समय अपने ये विचार व्यक्त किये। उल्लेखनीय है कि श्री ढ़िल्लों की पुस्तक सिर्फ फोटोग्राफी के बारे में नहीं है। यह लोगों, जगहों, रीति-रिवाजों, खान-पान, इतिहास और संस्कृति का एक इनसाइक्लोपीडिया है।
करीब ढाई सौ पृष्ठों की इस पुस्तक के लगभग हर पृष्ठ पर एक डिस्क्रिप्शन और फिर उसका एक छोटा-सा ऐतिहासिक संदर्भ दिया हुआ है। पुस्तक में जो खास बात है वह यह कि उसकी कविताएं पुस्तक को एक रुहानी टच देती हैं। मेघालय में रहने के दौरान श्री ढिल्लों उससे इतने अभिभूत हुए कि उन्होंने मेघालय पर एक पूरी पुस्तक लिख दी।
वह बताते हैं- "हमारे पास कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, मिजोरम और कई दूसरे राज्य हैं जो उतने ही खूबसूरत हैं लेकिन एक तरह से मेघालय की खूबसूरती इन सब पर भारी पड़ती है। मैंने इसलिए मेघालय और अपने साथ न्याय करने के लिए कलम उठाई और कैमरा उठाया ताकि मेघालय के लोगों के लिए कुछ कर सकूं।"स्वभाव से विनम्र इस बीएसएफ अधिकारी ने पड़ोसी पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी अलग-अलग फ्रंटियर पर काम किया है।
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