नयी दिल्ली , दिसंबर 02 -- यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए अमेरिका की अगुवाई में जारी शांति वार्ता के बीच रूस ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि जिन कारणों से इस युद्ध की शुरुआत हुई थी उनके समाधान के बिना सैन्य अभियान नहीं रुकेगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से दो दिन पहले उनके प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता काफी प्रभावी है, और उम्मीद जतायी की शांति वार्ता सफल रहेगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन की नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) सदस्यता जैसे कुछ मुद्दों को लेकर रूस बिल्कुल समझौता नहीं करेगा।
श्री पेस्कोव ने कहा, "सैन्य अभियान कुछ कारणों को लेकर शुरू हुआ था। हमें ऐसा समझौता करना है जिनमें उन कारणों का समाधान हो।" उन्होंने कहा कि यदि यूक्रेन नाटो की सदस्यता लेता है तो रूस इसके खिलाफ हैं। यदि यूक्रेन विदेशी सैनिकों को अपनी जमीन से कार्रवाई करने देता है, तो रूस इसके खिलाफ है।
उन्होंने शांति वार्ता के बारे में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना काफी अच्छी है और "हम इसी पर चलेंगे"।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि रूस शांति के लिए तैयार है, लेकिन यूरोपीय देश यूक्रेन के रास्ते युद्ध का वित्तपोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप में जब्त की गयी रूस की 200 अरब डॉलर की राशि यूरोपीय देश यूक्रेन को देने की तैयारी कर रहे हैं जिसका वह युद्ध में इस्तेमाल करेगा। वे रूस का पैसा चुराने की कोशिश कर रहे हैं।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित