तिरुमाला , नवंबर 21 -- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार की सुबह यहाँ प्राचीन पहाड़ी स्थित भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर में पूजा-अर्चना की।

परंपरा के अनुसार सुश्री मुर्मु ने अपने परिवार के सदस्यों और दल के साथ सबसे पहले श्री भू वराह स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की और बाद में तिरुमाला मंदिर के महाद्वारम पहुँचीं, जहाँ टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू, कार्यकारी अधिकारी एके सिंघल और अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी चौधरी वेंकैया चौधरी के नेतृत्व में पुजारियों और अधिकारियों ने उनका पारंपरिक "इष्टिकापाल" स्वागत किया।

इस दौरान आंध्र प्रदेश के धर्मस्व मंत्री अनम रामनारायण रेड्डी भी श्रीवारी दर्शन के लिए राष्ट्रपति के साथ रहे।

गर्भगृह में श्री वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा-अर्चना करने के बाद उन्हें शेष वस्त्रम भेंट किया गया, जिसके बाद मंदिर परिसर के अंदर रंगनायकुला मंडपम में वेदशीर्षम अर्पित किया गया।

सुश्री मुर्मु ने 2000 साल से भी ज़्यादा पुराने मंदिर में लगभग आधा घंटा बिताया। पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति को टीटीडी अधिकारियों ने एक पवित्र रेशमी वस्त्र, श्रीवरु का चित्र, लड्डू प्रसादम और 2026 डायरियाँ और कैलेंडर भेंट किए।

अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति और उनके परिवार ने तिरुपति के निकट तिरुचनूर स्थित श्री पद्मावती मंदिर में भी दर्शन किए।

तिरुमाला अतिथि गृह में कुछ देर रुकने के बाद राष्ट्रपति मुर्मु दोपहर में हैदराबाद के लिए रवाना होंगी जहाँ वे राष्ट्रपति निलयम, बोलारम, सिकंदराबाद में भारतीय कला महोत्सव 2025 का उद्घाटन करेंगी।

इस महोत्सव के दूसरे संस्करण में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव की समृद्ध सांस्कृतिक, पाककला और कलात्मक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

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