मुरादाबाद , अक्टूबर 25 -- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में नाबालिग छात्रा से कौमार्य परीक्षण प्रमाणपत्र प्रकरण में शनिवार को मुख्य आरोपी को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। दूसरी ओर प्रशासनिक टीम ने मदरसे के दस्तावेजों की विस्तृत जांच की।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह के निर्देश पर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सदर राममोहन मीणा के नेतृत्व में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवेंद्र कुमार पांडेय, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी दिलीप कुमार ने मदरसा जामिया एहसानुल -उल -बनात गर्ल्स कॉलेज का निरीक्षण किया तथा प्रबंध तंत्र से पूछताछ कर कार्यालय में ज़रुरी कागजात की विस्तृत जांच की।

जांच के दौरान मदरसे के सचिव अरबाब शम्सी द्वारा मदरसे से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने पर जांच में सामने आया है कि मदरसा परिसर में एक कन्या इंटर कॉलेज, एआईए एजुकेशनल सोसायटी और एआईए दावा अकादमी नाम से तीन संस्थाएं संचालित हैं। दस्तावेजों के सत्यापन और संस्था की मान्यता की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही अग्रिम विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद स्थित पाकबड़ा थानाक्षेत्र के लोधीपुर राजपूत स्थित मदरसा जामिया एहसान -उल - बनात में 13 वर्षीय छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट (कौमार्य प्रमाणपत्र) की मांग के मामले में आरोपी एडमिशन सेल के प्रभारी मोहम्मद शाहजहां को शनिवार की दोपहर कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में आरोपी प्रधानाचार्य रहनुमा समेत अन्य आरोपियों की सरगर्मी से तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

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