अमरोहा , अक्टूबर 23 -- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी ने गुरुवार को गंगा तिगरी मेला की तैयारी का स्थलीय निरीक्षण किया। एक नवंबर को एकादशी के मौके पर मेले का शुभारंभ होगा और इसका समापन पांच नवंबर को मुख्य स्नान के बाद होगा।
पुलिस उपमहानिरीक्षक मुरादाबाद मंडल मुनिराज जी ने बताया कि इस बार भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के दृष्टिगत सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और इसके मद्देनजर फोर्स की संख्या बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि स्टंटबाजी या खुराफाती कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जाएगी। यातायात और पार्किंग के लिए इस तरह कार्य योजना बनाई गई है जिससे श्रद्धालुओं के साथ आमजन को भी किसी तरह की समस्या न हो। डीआईजी ने तिगरी गंगा मेला को भव्य, सुरक्षित और आकर्षक बनाने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेला में लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसलिए, सभी अधिकारी समय रहते आवश्यक व्यवस्थाएं बेहतर ढंग से पूर्ण करें, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हों।
जिलाधिकारी श्रीमती निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि गंगा जी के पानी पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित घाट उपलब्ध कराने के दृष्टिगत घाटों को बेहतर और सुरक्षात्मक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सड़कों का कार्यों का निरीक्षण कर तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ जगह पर नमी है उनको जल्दी-जल्दी जुताई कर सुखाने के निर्देश दिए गए हैं। बताया कि कोतवाली लगभग बनकर तैयार हो चुकी है प्रशासनिक और अन्य सेक्टर कट कर तैयार हो चुके हैं।सांस्कृतिक कार्यक्रम, दीपदान स्थल और रंगोली स्थल भी चिन्हित कर लिए गए हैं। सभी सेक्टर में पेयजल आपूर्ति और प्रकाश की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। यातायात सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार हम और भी बेहतर स्वच्छ, सुरक्षित और भव्य मेला आयोजित करेंगे। महिलाओं के लिए शौचालय और चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने पूरे परिवार के साथ आए और सुरक्षित स्नान करें।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से स्वच्छता अभियान के तहत विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इसमें बड़ी कामयाबी मिलने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हक़ीक़त इससे अलग है । गढ़गंगा- तिगरी मेला इसका जीता-जागता उदाहरण है। यहां तैयार किए गए अधोमानक शौचालयों की अस्वच्छ दशा श्रदालुओं के मौलिक और सम्मान के अधिकारों का उल्लघंन है। यह सीधे तौर पर सरकारी मेला प्रबंधन की सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करने के प्रति जिम्मेदारी की नाकामी है।
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