टिहरी गढ़वाल/मुनिकीरेती , अक्टूबर 30 -- उत्तराखंड में नगर पालिका मुनिकीरेती की बोर्ड बैठक गुरुवार को पालिकाध्यक्ष नीलम बिजल्वाण की अध्यक्षता में हंगामेदार रही।

बैठक में सभासदों ने अधिशासी अधिकारी अंकिता जोशी पर बोर्ड और अध्यक्ष को बाइपास कर मनमाने तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया। स्थिति इतनी तीव्र हुई कि बोर्ड ने ध्वनिमत से ईओ के स्थानांतरण का प्रस्ताव पारित कर दिया।

बैठक के दौरान अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने नगर के खारास्रोत स्थित शराब की दुकान को हटाने या बंद करने का प्रस्ताव रखा, जिसे पूरे बोर्ड का सर्वसम्मत समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि बिना बोर्ड की जानकारी के कई प्रशासनिक निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों की भूमिका गौण हो रही है।

सभासदों ने एक सुर में आरोप लगाया कि अधिशासी अधिकारी विकास कार्यों में रुचि नहीं दिखा रही हैं और अधिकांश निर्णय बिना जानकारी के ले रही हैं। वार्ड नंबर पांच के सभासद लक्ष्मण भंडारी ने बताया कि जब वे ऋषिकेश-मुनिकीरेती सीमा विवाद से जुड़े कार्य को लेकर ईओ के पास गए, तो उन्होंने सहयोग से इनकार करते हुए रिपोर्ट लिखाने की धमकी दी।

वार्ड नंबर चार के सभासद बृजेश गिरी ने कई मामलों के दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए ईओ की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। इसी तरह सभासद विनोद खंडूड़ी, सचिन रस्तोगी, और विनोद सकलानी ने भी विकास कार्यों में ठहराव को लेकर नाराजगी जताई। सभासदों ने कहा कि आठ माह में नगर क्षेत्र में कोई ठोस कार्य नहीं हुए, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।

सभासद स्वाति पोखरियाल ने सीवर लाइन, सड़कों और सीसी कैमरों की स्थिति पर चिंता जताई, जबकि गजेन्द्र सजवाण ने चंद्रभागा मोटर पुल पर नाका बनाने की मांग की ताकि हाइवे जाम के दौरान आंतरिक सड़कों पर यातायात नियंत्रण में रहे।

बैठक में अधिशासी अधिकारी अंकिता जोशी ने सभी आरोपों पर सफाई देने का प्रयास किया, किंतु विकास कार्यों की सुस्त गति और सभासदों के तीखे सवालों के बीच उनके जवाब फीके पड़ गए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित