लखनऊ , अक्टूबर 14 -- मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य स्तरीय सैन्क्शनिंग कमेटी (एसएलएससी) की बैठक में राज्य कृषि विकास कार्यक्रम (एसएडीपी) के तहत कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्वीकृत परियोजनाओं से न केवल कृषि उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अनुमोदित परियोजनाओं के अंतर्गत समस्त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराये जायें।

बैठक में कासगंज, बागपत, शामली एवं भदोही में उप कृषि निदेशक कार्यालय भवन एवं मृदा परीक्षण भवन के निर्माण के लिये 18.24 करोड़ रुपए, पूर्व से निर्मित 326 किसान कल्याण केन्द्रों के सुचारु संचालन के लिये विद्युत व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं के विकास के लिये 21.03 करोड़ रुपए तथा कृषि विभाग के 57 राज्य कृषि प्रक्षेत्रों की 1729.42 हेक्टेयर ऊसर भूमि एवं 1274.68 हेक्टेयर अकृषि योग्य भूमि के विकास के लिये 17.40 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

इसी क्रम में झांसी एवं मिर्जापुर में इक्रीसेट के माध्यम से 13872 हेक्टेयर व 7996 हेक्टेयर भूमि में जल प्रबंधन एवं फसल पद्धतियों के विकास के लिये 39.08 करोड़ रुपए, मऊरानी (झांसी) में स्थित भूमि संरक्षण प्रशिक्षण केन्द्र पर हास्टल के निर्माण के लिये 5.34 करोड़ रुपए, प्रदेश के नौ जैव उर्वरक उत्पादन प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए 5.17 करोड़ तथा प्रसार प्रशिक्षण एवं ब्यूरो परिसर-लखनऊ में इनहाउस स्टूडियो निर्माण आदि कार्यों के लिये 4.36 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दी गई।

इसी तरह राज्य कृषि प्रबंध संस्थान-रहमान खेड़ा (लखनऊ) के माध्यम से कृषि यंत्रीकरण एवं सोलर पम्प मैकेनिक के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिये 1.91 करोड़ रुपए, पशुपालन विभाग के बक्शी तालाब-लखनऊ स्थित प्रशिक्षण केन्द्र के उच्चीकरण के साथ-साथ निबलेट बाराबंकी प्रक्षेत्र एवं निदेशालय परिसर में फार्म पोल्ट्री के विकास आदि के लिए 12.67 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री रवीन्द्र ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए 450 करोड़ का आउट-ले अनुमोदित है तथा 200 करोड़ रुपये की धनराशि बजट प्राविधान में स्वीकृत है। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश कुमार मेश्राम सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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