नई दिल्ली , अक्टूबर 23 -- उच्चतम न्यायालय मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर हमले की कोशिश के मामले में अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग वाली एक याचिका पर 27 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करेगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने न्यायमूर्ति कांत की पीठ के समक्ष इस मामले में शीघ्र सुनवाई करने का 16 अक्टूबर को अनुरोध करते हुए कहा था के भारत के अटॉर्नी जनरल ने किशोर पर आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस याचिका का समर्थन किया है।
श्री सिंह ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि दिल्ली के उस अधिवक्ता ने कोई पछतावा नहीं जताया है और अपने कृत्य को उचित ठहराया है।
पीठ ने उस दिन यह सूचित किये जाने पर कि अटॉर्नी जनरल ने अधिवक्ता के खिलाफ अवमानना अधिनियम के तहत कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है, कहा था कि इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने से एक और प्रकरण शुरू हो सकता है।
पीठ ने यह भी कहा था कि मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं इस मामले को बंद करने का फैसला किया है।
शीर्ष अदालत ने यह भी रेखांकित किया था कि सोशल मीडिया आने वाले दिनों और हफ्तों में इस पर चर्चा करके इसे और अधिक प्रचारित कर सकता है।
गौरतलब है मुख्य न्यायाधीश गवई पर अदालत कक्ष में 6 अक्टूबर को हमले की कोशिश की गई थी।
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