नयी दिल्ली , अक्टूबर 16 -- उच्चतम न्यायालय ने अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई से गुरुवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनवाई से इनकार कर दिया।

पीठ ने यह सूचित किये जाने पर कि अटॉर्नी जनरल ने अधिवक्ता के खिलाफ अवमानना अधिनियम के तहत कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है, कहा कि इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने से एक और प्रकरण शुरू हो सकता है।

पीठ ने यह भी कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं इस मामले को बंद करने का फैसला किया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने मामले की तत्काल सुनवाई (शुक्रवार 17 अक्टूबर को)की मांग की क्योंकि दिल्ली के उस अधिवक्ता ने कोई पछतावा नहीं जताया है और अपने कृत्य को उचित ठहराया है।

शीर्ष अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि सोशल मीडिया आने वाले दिनों और हफ्तों में इस पर चर्चा करके इसे और अधिक प्रचारित कर सकता है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने श्री सिंह की दलील का समर्थन करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने यह कहकर इसका महिमामंडन किया कि यह कृत्य बहुत देर से किया गया।

अधिवक्ता किशोर ने गत 06 अक्टूबर को अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास किया था।

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