श्रीनगर , अक्टूबर 07 -- जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ( पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर जूता फेंकने की घटना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विकासशील भारत की 'डरावनी तस्वीर' पेश करती है जबकि हमलावर अच्छी तरह वाकिफ था कि उसके इस निंदनीय कृत्य का कोई वास्तविक परिणाम नहीं होगा।
सुश्री मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा , "यह घटना भाजपा के विकसित भारत की एक भयावह तस्वीर" पेश करती है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर फेंका गया जूता 2047 तक भाजपा के विकसित भारत की भयावह तस्वीर पेश करता है। हमलावर ने बेशर्मी से यह जानते हुए भी काम किया कि उसके इस निंदनीय कृत्य का कोई वास्तविक परिणाम नहीं होगा।"उन्होंने आगे कहा "यह गोडसे के भारत में नया सामान्य चलन है जहां मॉब लिंचिंग करने वालों को माला पहनाई जाती है, दुष्कर्मियों को माफ कर दिया जाता है और नफरत को पुरस्कृत किया जाता है। आखिरकार वह उमर खालिद या शरजील इमाम नहीं हैं जिन्हें असहमति व्यक्त करने के लिए बिना जमानत के वर्षों तक जेल में रखा गया है।"पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका के सामने अब "केवल कानूनी नहीं, बल्कि अस्तित्व का मुद्दा" है। उन्होंने अदालतों से संविधान की रक्षा के लिए खड़े होने का आग्रह किया। उन्होंने सवाल किया , "क्या न्यायपालिका संविधान की रक्षा के लिए खड़ी होगी या चुप रहेगी? क्या सचमुच जूते के नीचे कुचला जा रहा है?"गौरतलब है कि सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कार्यवाही के दौरान एक वकील ने कथित तौर पर मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका। इस घटना की व्यापक निंदा हुई।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित