जयपुर , अक्टूबर 26 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम की 127वीं कड़ी को सवाई मानसिंह स्टेडियम के इंडोर हॉल में सुना।

श्री मोदी ने अपने संबोधन में दीपावली और आने वाली छठ पूजा का जिक्र करते हुए कहा कि देशभर के बाजारों में रौनक है। हर तरफ श्रद्धा, अपनापन और परंपरा का संगम दिख रहा है। छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबिंब है। छठ के दौरान घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है। यह दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जीएसटी बचत उत्सव को लेकर भी लोगों में बहुत उत्साह दिखा है। इस बार त्योहारों के दौरान बाजारों में स्वदेशी सामानों की खरीदारी बढ़ी है।

श्री मोदी ने कहा कि हमारे ग्रन्थों के अनुसार वृक्ष और वनस्पतियां धन्य हैं, जो किसी को भी निराश नहीं करते। हमें भी चाहिए, हम जिस भी क्षेत्र में रहते हों, पेड़ अवश्य लगाएं। 'एक पेड़ माँ के नाम' के अभियान को हमें और आगे बढ़ाना है। उन्होंने अम्बिकापुर के गारबेज कैफे और बेंगलुरु के इंजीनियर कपिल शर्मा का जिक्र किया, जिन्होंने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण काम किया है।

श्री मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पूरे देश के लिए विशेष अवसर है। उनके विराट व्यक्तित्व में कई गुण एक साथ समाहित थे। सरदार पटेल ने देश की एकता और अखंडता के लिए अद्वितीय प्रयास किए। उन्होंने आमजन से 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य पर देश-भर में आयोजित होने वाली रन फॉर यूनिटी में शामिल होने का आह्वान किया।

श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र गीत 'वन्देमातरम्' का शब्द हमारे हृदय में भावनाओं का उफान ला देता है। 'वन्देमातरम्' शब्द में बहुत भाव और ऊर्जाएं हैं। यह हमें माँ-भारती के वात्सल्य का अनुभव कराता है। उन्होंने कहा कि आगामी सात नवंबर को हम 'वन्देमातरम्' के 150वें वर्ष के उत्सव में प्रवेश करने वाले हैं। इसे हमें यादगार बनाना है और आने वाली पीढ़ी के लिए इस संस्कार सरिता को आगे बढ़ाना है।

श्री मोदी ने कहा कि भाषा किसी भी सभ्यता के मूल्यों और परंपराओं की वाहक होती है। संस्कृत ने यह कर्तव्य हजारों वर्षों तक निभाया है। लेकिन गुलामी के कालखंड और आजादी के बाद भी संस्कृत लगातार उपेक्षा का शिकार हुई। इस वजह से युवा-पीढ़ियों में संस्कृत के प्रति आकर्षण भी कम होता चला गया। उन्होंने कहा कि अब समय बदल रहा है। संस्कृति और सोशल मीडिया की दुनिया ने संस्कृत को नई प्राणवायु दे दी है। इन दिनों कई युवा संस्कृत को लेकर बहुत रोचक काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर राज्य सरकार मुख्यमंत्री पौधारोपण महाअभियान हरियालो राजस्थान चला रही है। इस अभियान में इस वर्ष अब तक 11 करोड़ 61 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों से राज्य में हरित आवरण के साथ ही जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवा उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आज का युवा नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहता है। यह सोच बदलाव की पहली सीढ़ी है।

श्री शर्मा ने कहा कि अब तक युवा उद्यमियों को 140 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। राज्य सरकार ने अपने करीब दो वर्षों के कार्यकाल में 91 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। वहीं एक लाख 55 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है।

इस दौरान उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, उद्योग राज्य मंत्री के.के. विश्नोई, राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, विधायक जितेन्द्र गोठवाल, खेल एवं युवा मामलात सचिव नीरज के. पवन सहित बड़ी संख्या में आमजन एवं युवा उपस्थित रहे।

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