मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर , नवंबर 27 -- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना वर्ष 2025-26 के लिए जिले का तीर्थयात्रा कोटा निर्धारित कर दिया है, जिसके तहत कुल 90 पात्र हितग्राहियों को आगामी 13 से 16 दिसंबर 2025 के बीच मथुरा, वृंदावन एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि दर्शन की पवित्र यात्रा पर ले जाया जाएगा।

समाज कल्याण विभाग ने कहा कि यह योजना वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन, विधवाओं और परित्यक्त महिलाओं के जीवन में नई ऊर्जा, आध्यात्मिक सुख और सामाजिक समावेश का माध्यम बन रही है। इस यात्रा के लिए जिले के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों से हितग्राहियों का चयन किया जाएगा, जिससे हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों को समान सहभागिता का अवसर मिल सके।

जिला के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) से गुरुवार को मिली जानकारी के मुताबिक, यह योजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देती है बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक रूप से सक्रिय और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अक्सर देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ बुज़ुर्ग नागरिक दैनिक जीवन की आपाधापी में अपनी आध्यात्मिक इच्छाओं को पीछे छोड़ देते हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना ऐसे ही नागरिकों को श्रद्धा और सम्मान के साथ प्रदेश सरकार की ओर से धार्मिक यात्रा का अवसर प्रदान करती है, जिसमें यात्रा, भोजन, आवास और स्वास्थ्य सहायता जैसी मूलभूत व्यवस्थाएं सरकार द्वारा ही सुनिश्चित की जाती हैं।

इस यात्रा के लिए आवेदन प्रक्रिया 05 दिसंबर तक निर्धारित की गई है। योजना के तहत आवेदन करने के इच्छुक नागरिक निर्धारित प्रपत्र में अपने क्षेत्र की संबंधित जनपद पंचायत कार्यालय या नगरीय निकाय कार्यालय में फॉर्म जमा कर सकते हैं। आवेदन स्वीकार करने की व्यवस्था को पंचायत और नगरीय प्रशासन के स्तर पर इसलिए रखा गया है ताकि ग्रामीण अंचल और दूरस्थ क्षेत्रों के हितग्राहियों को आवेदन के लिए ज़िला मुख्यालय तक भागदौड़ न करनी पड़े। प्रशासनिक स्तर पर यह भी तय किया गया है कि जमा आवेदन पत्रों का भौतिक सत्यापन समय पर पूरा किया जाए, ताकि यात्रियों की सूची समय-सीमा में अंतिम रूप लेकर शासन को प्रेषित की जा सके।

जिले के नागरिकों में इस घोषणा को लेकर उत्साह का वातावरण है। कई वरिष्ठ नागरिकों ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि शासन द्वारा सम्मानजनक ढंग से तीर्थ दर्शन का अवसर मिलना उनके जीवन की बड़ी इच्छा की पूर्ति जैसा है। सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा है कि यह पहल वरिष्ठ नागरिक सम्मान और सामाजिक कल्याण की दिशा में एक मानवीय और दूरदर्शी निर्णय है।

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