भोपाल , अक्टूबर 29 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार पुण्य सलिला माँ नर्मदा के वाहन मगरमच्छ को पुनः माँ नर्मदा में बसाने के अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि मगरमच्छों के लिए नर्मदा की जलधारा अत्यंत उपयुक्त है और इसी के तहत गुरुवार, 30 अक्टूबर को माँ नर्मदा के जल में मगरमच्छों को छोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रकार के जीवों के संरक्षण के लिए समर्पित है। प्रदेश में वन्यजीवों के साथ ही घड़ियाल और मगरमच्छ जैसे जलीय जीवों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष चंबल नदी में घड़ियाल छोड़े गए थे, और अब यह प्रयास माँ नर्मदा के प्रति श्रद्धा और पर्यावरणीय संतुलन दोनों का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में मनुष्य और वन्य जीव एक-दूसरे पर निर्भर हैं। माँ नर्मदा के निर्मल जल में उनका वाहन मगरमच्छ पुनः दिखाई देना शुभ संकेत होगा। मगरमच्छों को ऐसे क्षेत्रों में छोड़ा जाएगा जहाँ स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित किया जा सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "माँ नर्मदा का यह जैविक पुनर्संवर्धन अभियान केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का हिस्सा है। मगरमच्छों की मौजूदगी नर्मदा की पारिस्थितिक शक्ति को और बढ़ाएगी।" मुख्यमंत्री डॉ. यादव 30 अक्टूबर को खंडवा जिले के नर्मदानगर प्रवास पर रहेंगे, जहाँ वे माँ नर्मदा के जल में मगरमच्छों को छोड़ने की इस ऐतिहासिक पहल में शामिल होंगे।

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