मुंबई , अक्टूबर 10 -- महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पुलिस ने एक 20 वर्षीय मूक-बधिर लड़की के साथ दुष्कर्म मामले में 17 लोगों को संदिग्ध माना है। इनमें से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने पीड़ित लड़की द्वारा बताये गये 17 संदिग्धों के खून के नमूने लिये हैं और उन्हें भ्रूण के साथ डीएनए परीक्षण के लिये भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक स्थानीय कफ परेड पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (2) (i) (सहमति देने में असमर्थ महिला के साथ बलात्कार करना) और 64 (2) (के) (मानसिक बीमारी या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित महिला के साथ बलात्कार करना) के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एक गैर सरकारी संगठन द्वारा पिछले महीने दर्ज कराई गयी एफआईआर के अनुसार विधायक भारती ने पीड़िता का बयान लेने में पुलिस की मदद की है। यह लड़की ठीक से बोल और सुन नहीं सकती है।
पुलिस की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक पीड़िता ने अपनी दादी से पेट में कीड़े होने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे कामा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसी दौरान यह खुलासा हुआ कि लड़की पांच महीने की गर्भवती है।
शिकायतकर्ता और पीड़िता के पिता ने कहा कि पांच-छह माह पहले जब उनकी बेटी घर पर थी तो किसी अज्ञात शख्स ने उसके गूंगेपन और मानसिक बीमारी का फायदा उठाया है। उसी शख्स ने मौके का फायदा उठाते हुए उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया।
इस मामले की जांच महिला पुलिस निरीक्षक अश्विनी कोली पाटिल कर रही है, जिन्होंने एनजीओ काउंसर लीला पटाडे और काउंसलर मधुरा कोडलेकर की सहायता से पांच दिन तक लगातार चार-पांच घंटे तक ड्राइंग और डॉल थेरेपी की मदद से लड़की का बयान दर्ज किया।
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