नयी दिल्ली , अक्टूबर 04 -- भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान तत्कालीन कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील (संप्रग) सरकार ने देश की संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता किया था तथा वह विदेशी ताकतों के हाथों की कठपुतली बन गयी थी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री रहे पी. चिदंबरम तथा पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने 26/11 के आतंकवादी हमलों को लेकर जो खुलासे किये हैं, वे बेहद गंभीर हैं और चिंताजनक हैं।
उन्होंने कहा, " श्री चिदंबरम ने कहा है कि भारत दबाव में था और इसी दबाव के चलते मनमोहन सिंह सरकार ने फैसला किया कि 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद कोई भी सख्त जवाबी कार्रवाई नहीं की जाएगी।" श्री भाटिया ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार श्रीमती सोनिया गांधी के रिमोट कंट्रोल से चलती थी इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हुई।
भाजपा प्रवक्ता ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा, "हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत कैसे मजबूत हुआ है। भारतीय सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी गयी है और ऑपरेशन सिंदूर में हमने देखा कि कैसे आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया गया।"उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष के नेता चार दिनों से विदेशी धरती पर हैं और उनका एकमात्र काम विकास की ओर बढ़ रहे भारत को बदनाम करना है।" उन्होंने कहा, "श्री चिदंबरम और श्री तिवारी के खुलासे चिंताजनक है। हमें डराते हैं कि एक सरकार जिसे भारत की संप्रभुता की रक्षा करने की संवैधानिक जिम्मेदारी दी गई थी, वह कैसे विदेशी ताकतों के हाथों की कठपुतली बन गयी।"इस दौरान उन्होंने श्री गांधी की एक तस्वीर को दिखाते हुए उन पर मुंबई हमले के बाद एक पार्टी में शामिल होने और नाच-गान में मशगूल होने का आरोप लगाया। श्री भाटिया ने कहा, "आपने देखा होगा कि तत्कालीन संप्रग सरकार के गृहमंत्री हमले के वक्त आतंकवादियों और उसके सरपरस्तों को जवाब देने की बजाय पोशाक बदल रहे थे। वहीं श्री गांधी उस दौरान नाच-गान में मशगूल थे।" उल्लेखनीय है कि हमले के वक्त श्री शिवराज पाटिल गृह मंत्री थे और कुछ ही दिन बाद उनकी जगह श्री चिदंबरम को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी।
उन्होंने कहा, "मैं ये आरोप एक नामी अखबार में छपी खबर के आधार पर लगा रहा हूं। आज मैं जो तस्वीर आप लोगों को दिखा रहा हूं, वह कोई ऐसा-वैसा अखबार नहीं हैं, बल्कि यह खबर एक प्रसिद्ध अखबार में छपी है।"उल्लेखनीय है कि श्री चिदंबरम ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि वह व्यक्तिगत रूप से 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सैन्य कार्रवाई के पक्ष में थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने पड़ोसी देश के खिलाफ कूटनीटिक उपायों का इस्तेमाल किया, जो विदेश मंत्रालय की ओर से दिखाया गया नजरिया था।
उन्होंने कहा कि अमेरिका समेत शक्तिशाली देश नहीं चाहते थे कि भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध या कोई सैन्य कार्रवाई करे। वहीं श्री तिवारी ने कहा है कि पूर्व गृहमंत्री ने जो कुछ कहा, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
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