मुंबई , नवंबर 27 -- सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने गुरुवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि मुंधवा भूमि घोटाला एक खुला और स्पष्ट मामला है जिसमें पूरा लेन-देन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके किया गया था।

उन्होंने कहा कि आशय पत्र के दस्तावेज़ फ़र्ज़ी थे और ज़िला कलेक्टर से लेकर अभिभावक मंत्री तक सभी अधिकारी इसमें शामिल थे।

सुश्री दमानिया के अनुसार, पार्क कंपनी ने ज़मीन का लेन-देन ज़रूर किया लेकिन वे ऐसा मज़बूत राजनीतिक संरक्षण में ही कर पाए, जिससे यह घोटाला बेखौफ़ हो सका। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही कानूनी हस्तक्षेप की मांग करेंगी और लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।

सुश्री दमानिया ने घोषणा की कि वह आठ दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेंगी जिसमें तर्क दिया जाएगा कि किसी भी सरकार को कोई भी जांच रोकने का अधिकार नहीं है और यह शक्ति पूरी तरह से न्यायपालिका के पास होनी चाहिए। सिंचाई घोटाले में अपनी पिछली लड़ाई से इसकी तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस मामले को शांतिपूर्वक लेकिन दृढ़ता से आगे बढ़ायेंगी।

उन्होंने उन राजनीतिक दलों की भी आलोचना की जिनके अपने कार्यकर्ता कथित तौर पर जबरन वसूली, धमकी और भय का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि उनसे नैतिक व्यवहार की उम्मीद करना बेमानी होगा। सुश्री दमानिया ने आगे कहा कि चुनावों के दौरान धन का वितरण लोकतंत्र को कमजोर करता है और कुछ राजनीतिक नेताओं को इसकी नैतिक ज़िम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्पष्ट सबूत उपलब्ध होने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो "न खाऊंगा, न खाने दूंगा" जैसे नारे मतदाताओं को गुमराह करने वाले साबित होंगे।

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