श्रीनगर , दिसंबर 19 -- कश्मीर के प्रमुख धार्मिक नेता और हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पर्दा हटाने की घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि कोई भी सत्ता या पद किसी को दूसरे व्यक्ति की गरिमा और आत्मसम्मान में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देता।
श्री मीरवाइज ने जोर देकर कहा कि जब किसी की गरिमा का सार्वजनिक उल्लंघन किया जाता है, खासकर सत्ता में बैठे व्यक्ति द्वारा, तो यह एक गंभीर संदेश देता है कि सत्ता नैतिकता और बुनियादी मानवीय मूल्यों पर हावी हो सकती है।
ऐतिहासिक जामिया मस्जिद श्रीनगर में जुमे की नमाज के दौरान संबोधन में श्री मारवाइज ने बिहार मुख्यमंत्री के इस कृत्य की कड़ी निंदा की और इसे व्यक्तिगत गरिमा तथा नैतिक सीमाओं का गंभीर उल्लंघन बताया। वह जम्मू-कश्मीर के प्रमुख धार्मिक संगठनों के संघ मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सत्ताधारी पद, शक्ति या ओहदा किसी को दूसरे व्यक्ति के आत्मसम्मान में दखल देने का हक नहीं देता।
श्री मारवाइज ने अफसोस जताया कि अपने कृत्य के लिए माफी मांगने के बजाय कुछ राजनीतिक दल और मीडिया के कुछ लोग बिहार के मुख्यमंत्री के इस कार्य को "महिला सशक्तिकरण" का मुद्दा बताकर सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं । उन्होंने कहा, "ऐसे विचलन दुर्भावनापूर्ण हैं और इसमें लिप्त लोगों की कट्टर सोच तथा इस्लाम की सीमित समझ को उजागर करते हैं।"श्री मीरवाइज ने कहा कि हिजाब अपनाने वाली मुस्लिम महिलाओं के लिए यह विश्वास, पहचान और व्यक्तिगत चुनाव का मामला है, जो शिक्षा, पेशेवर उत्कृष्टता या सामाजिक योगदान में कभी बाधा नहीं बना, जैसा कि मुख्यमंत्री के कार्यों को सही ठहराने के लिए जानबूझकर किया जा रहा है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित