रांची, 09अक्टूबर (वार्ता) झारखंड में भारतीय जनता पार्टी द्वारा मिशन वात्सल्य को लेकर लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को बाल अधिकारों की चिंता अब याद आ रही है, जब केंद्र ने खुद इस योजना के तहत फंड वितरण में कई तकनीकी अड़चनें पैदा की हैं।

श्री पांडेय ने आज यहां कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में वित्तीय साझेदारी के तहत केंद्र और राज्य दोनों को अपने हिस्से का योगदान देना होता है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जानबूझ कर लोकतांत्रिक रूप से प्रचंड बहुमत से चुनी गई लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत फंड का आवंटन नहीं किया जा रहा है। केंद्र के इस सौतेला व्यवहार का हिसाब जनता ने लगातार दूसरी बार हेमंत सोरेन को सत्ता की बागडोर सौंप कर चुकता कर दिया है।

श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मिशन वात्सल्य के सरकार हर बाल गृह, सी डब्ल्यू सी और जे जे बी के संचालन को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

श्री पांडेय ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जो पार्टी स्वयं बाल श्रम और मानव तस्करी रोकने के बजाए झारखंड के गरीब परिवारों को पलायन की ओर धकेलती रही, उसे आज बच्चों के भविष्य की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि "भाजपा की राजनीति केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस और झूठे आंकड़ों तक सीमित है। हकीकत यह है कि मिशन वात्सल्य के लिए राज्य ने केंद्र से बार-बार धन जारी करने की मांग की, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक पैसा नहीं भेजा है।

श्री पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार का फोकस बच्चों का भविष्य है। बाल अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण तंत्र को मजबूत किया गया है। आज पूरे देश में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की चर्चा हो रही है। भाजपा सिर्फ आरोपों की राजनीति कर रही है, जबकि हेमंत सरकार संवेदनशीलता और ज़िम्मेदारी के साथ राज्य के हर बच्चे और हर परिवार की सुरक्षा के लिए समर्पित है।

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