पटना , अक्टूबर 24 -- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- लेनिनवादी) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सरकार पर तीखा प्रहार करते हुये शुक्रवार को कहा कि महिलाओं को दी जाने वाली 10 हजार रुपये की सहायता योजना दरअसल 'महिला कर्जदार योजना' है, जो उन्हें कर्ज के जाल में फंसाने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि, 'बिहार की आवाज कर्जमाफी की है न कि नया कर्ज लेने की।'माले महासचिव श्री भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद कह चुके हैं कि आगे चलकर बैंकों से और अधिक लोन दिलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि, 'यह 10 हजार रुपया चुनावी खेल है, खेल ख़त्म, पैसा हजम, वोट ले लेंगे और बाद में पैसा लौटाने को कहेंगे।'माले महासचिव ने कहा कि, 'भाजपा सामाजिक न्याय का गला घोंट रही है। 65 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा से पारित होने के बावजूद संसद से पारित नहीं हुआ है। पुलिस भर्ती में भी आरक्षण की चोरी हुई है, 288 की जगह 210 पद ही दलितों को दिये गये हैं।'उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की उम्मीदवार सूची बताती है कि पार्टी को मुसलमानों का वोट नहीं चाहिये, क्योंकि 101 उम्मीदवारों में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी का नाम नहीं है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि माले लगातार 200 यूनिट मुफ्त बिजली और गरीबों को आवास के लिये जमीन देने की मांग कर रही है, लेकिन सरकार उद्योगपतियों को जमीन दे रही है।
महागठबंधन के वादों की बात करते हुये उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आउटसोर्सिंग खत्म करेंगे और सभी जीविका कार्यकर्ताओं की नौकरी पक्की की जायेगी। यह चुनाव बिहार की जनता के हक़, सम्मान और न्याय की लड़ाई है। इस बार जनता तय करेगी कि लूट- झूठ की सरकार अब नहीं चलेगी।
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