लखनऊ , अक्टूबर 9 -- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने मंगलवार को पार्टी संस्थापक मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित महारैली में अपने आपको सर्वजन की हितैषी दिखाने के साथ ही इशारों-इशारों में भतीजे आकाश आनंद को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दिया। वहीं दूसरी ओर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर बिना नाम लिए भी तीखा वार किया।

मंच पर मायावती की एक कुर्सी लगाई गई थी। पहली बार मंच पर बगल में सोफे लगे थे। इनमें मुस्लिम समुदाय के तीन चेहरे (मुनकाद अली, नौसाद अली और शमसुद्दीन) और दलित समाज के चार चेहरे (मायावती के भाई आनंद, भतीजे आकाश, गिरीश चंद्र जाटव और धनश्याम चंद्र खरवार) बैठे थे जबकि ओबीसी और सामान्य वर्ग से सतीश चंद्र मिश्रा, उमाशंकर सिंह और विश्वनाथ पाल को जगह मिली। यह पहली बार था जब मायावती की किसी रैली में मंच पर दूसरे नेताओं को भी बैठने की जगह दी गई।

मंच से भतीजे आकाश की तारीफ करते हुए मायावती ने कहा " आकाश आनंद एक बार फिर पार्टी के मूवमेंट से जुड़ चुके हैं, यह शुभ संकेत है। वह मेरे दिशानिर्देश में काम करेंगे। जिस प्रकार कांशीराम जी ने मुझे आगे बढ़ाया, उसी तरह मैंने आकाश आनंद को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुझे विश्वास है और आप सभी से अपील है कि आप लोग मेरी तरह आकाश का भी हर हाल में साथ देंगे।" उन्होंने सतीश चंद्र मिश्रा की भी तारीफ की। इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को भी सराहा।

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद का बिना नाम लिए निशाना साधते हुये उन्होने कहा कि ऐसे बिकाऊ लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। हमें कमजोर करने के लिए एक षड्यंत्र रचा जा रहा है। स्वार्थी और बिकाऊ किस्म के लोगों का इस्तेमाल करके कई संगठन बनवा दिए गए हैं। अब तो ये अंदर ही अंदर अपने वोट ट्रांसफर करवा कर इनके एक-दो उम्मीदवारों को जिता भी रहे हैं, ताकि दलित वोट बांटे जा सकें।

इस दौरान मायावती ने आजम खान के बसपा में शामिल होने की अटकलों पर भी पहली बार जवाब दिया। उन्होंने कहा " मैं ऐसे किसी से छिपकर नहीं मिलती, जब भी मिलती हूं, खुले में मिलती हूं।"वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती बहुत होशियार नेता हैं। उन्होंने पहले आकाश को निकालकर पार्टी में कार्यकर्ताओं को संदेश दिया। इसके बाद उनकी मजबूत वापसी कराकर रैली में उन्हें स्थापित कराने का भरोसा लिया। उन्होंने नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद को भी खूब खरी खोटी सुनाई। उनको बिकाऊ बता कर अपने वोटरों को सचेत करने का काम किया बल्कि उन्हें बड़े दलों के इशारों में काम करने वाला सिद्ध करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि मायावती आज की रैली से काफी खुश थीं। बड़े दिनों बाद उन्होंने अपनी रैली में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देखकर गदगद थीं।

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