लखनऊ/पटना , नवम्बर 02 -- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की हालिया लखनऊ रैली ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह रैली मान्यवर कांशीराम जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित की गई थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि इस बार का आयोजन असामान्य रूप से बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया गया था।

रविवार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ उदित राज ने कहा कि बिहार में भाजपा को जिताने के लिए मायावती ने लखनऊ में रैली आयोजित की थी । उन्होंने कहा कि उस समय ही संदेह तो हुआ था इसके पहले मान्यवर कांशीराम जी के पुण्य तिथि पर कभी नहीं किया।

डॉ उदितराज ने कहा कि रैली का असर हुआ कि बिहार विधान सभा चुनाव में न केवल टिकट के दाम बढ़े बल्कि इंडिया गठबंधन का वोट कटेगा । "जय और वीरू की दोस्ती से क्या कम है? ग़लत नहीं कहते हैं लोग मुंह में अंबेडकर और दिल में कमल।"इसी बीच, बिहार के मोकामा में दुलार चंद यादव की हत्या को लेकर सवाल उठाते हुए डॉ उदितराज ने कहा कि मोकामा में दुलार चंद की हत्या सामाजिक न्याय बनाम मनुवाद की है । पीयूष प्रियदर्शी, शिक्षित और धानुक जाति से हैं जो ईबीसी श्रेणी में हैं, भागीदारी की लड़ाई लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दुलार चंद यादव सामाजिक न्याय के योद्धा थे और आरजेडी के समर्थक ।ये चाहते थे कि प्रियदर्शी को आरजेडी से टिकट मिले लेकिन बाहुबली अनंत सिंह के मुक़ाबले सूरजभान को लड़ाना उचित समझा। जब टिकट नहीं मिला तो प्रियदर्शी जन सूरज से लड़ रहे हैं।

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