अजनाला, सितम्बर 27 -- शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के बाढ़ प्रभावित किसानों और मजदूरों के लिए कोई भी धनराशि जारी करने में अपनी घोर विफलता को छिपाने के लिए पंजाब विधानसभा के विशेष रूप से बुलाए गए सत्र में नाटक किया है।

शिअद अध्यक्ष ने 100 बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए मक्के की 200 ट्रॉलियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होने कहा कि पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र का इस्तेमाल मुआवज़े का दायरा बढ़ाकर बाढ़ से बर्बाद हुई सभी फसलों को शामिल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि मुआवज़ा पाँच एकड़ प्रति किसान तक सीमित न रहे, बल्कि उसे बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया जाए, बजाय इसके कि मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपये बर्बाद करके प्रचार किया।

श्री बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के इतिहास में पहली सत्तारूढ़ पार्टी बन गई है जो केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए सदन में इकट्ठे हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र से पर्याप्त मुआवज़ा मांगना अच्छी बात है, लेकिन आप सरकार को पहले अपने पास मौजूद 12,000 करोड़ रुपये के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष को बाढ़ प्रभावितों में बांटना चाहिए और फिर केंद्र से अतिरिक्त धनराशि की मांग करनी चाहिए।

किसानों को उचित मुआवज़ा न देने के लिए मुआवज़े के नियमों को जिस तरह से तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, उसकी निंदा करते हुए श्री बादल ने कहा, "सबसे पहले, फसल क्षति के लिए मुआवज़ा केवल 20,000 रुपये प्रति एकड़ तय किया गया है। किसानों को यह आँकड़ा भी मिलने की संभावना नहीं है क्योंकि राजस्व विभाग के कर्मचारियों को केवल 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत क्षति का दावा करने के लिए कहा गया है, जिससे मुआवज़ा राशि केवल 2,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति एकड़ के बीच ही सीमित रहेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि नदी के किनारे ज़मीन जोतने वालों और पट्टे पर ज़मीन लेने वालों को भी मुआवज़ा देने से इनकार किया जा रहा है।

श्री बादल ने यह भी माँग की कि रणजीत सागर बाँध और शाहपुर बैराज के संचालन में कुप्रबंधन की जवाबदेही कनिष्ठ स्तर के इंजीनियरों को निशाना बनाने के बजाय शीर्ष स्तर पर तय की जाए। उन्होंने कहा कि यह खुलासा किया जाना चाहिए कि किसने मानसून के मौसम में बीस दिनों तक पानी जमा होने दिया और फिर खतरे के निशान को पार करने के बाद उसे एक बार में छोड़ दिया। उन्होंने कहा, "तीन दिनों तक एक साथ 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से लाखों एकड़ ज़मीन पर लगी फ़सलें बर्बाद हो गईं।" उन्होने कहा कि शाहपुर बैराज के गेट भी आप सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण गिर गए। सरकार ने मानसून से छह महीने पहले बैराज की मरम्मत के लिए लिखित अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण वे टूट गए।

शिअद अध्यक्ष ने बौली गाँव स्थित बाँध का भी दौरा किया और बाँध को मज़बूत करने के लिए कार सेवा में लगे बाबा जोध सिंह से मुलाकात की। उन्होंने गुरुद्वारा बाबा गाम चक साहिब में भी मत्था टेका। इस अवसर पर जनता की माँग को स्वीकार करते हुए उन्होंने गुरुद्वारा सेवा के लिए पांच लाख रुपये भेजने और बाँधों को मज़बूत करने तथा खेतों से गाद निकालने की ज़रूरतों को पूरा करने की भी घोषणा की।

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