कोरबा, सितंबर 30 -- छत्तीसगढ़ के कोरबा में एसईसीएल मानिकपुर और कुसमुंडा क्षेत्र में कार्यरत ठेका कामगारों ने मंगलवार को सुबह पांच बजे से काम का बहिष्कार कर बोनस की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। कामगारों ने अपने वाहनों को खड़ा कर दिया और सुबह नौ बजे से एसईसीएल मुख्य कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण धरना शुरू किया।

इस सफल आंदोलन के परिणामस्वरूप प्रबंधन के साथ कई दौर की वार्ता हुई। वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया कि सभी ठेका कामगारों का बोनस और वेतन उनके खाते में आठ अक्टूबर और 15 अक्टूबर तक जमा कर दिया जाएगा। प्रबंधन इस संबंध में जल्द ही ऑफिस ऑर्डर जारी करेगा और सूचना पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।

भविष्य में यह भी तय हुआ है कि अगले साल से दशहरा से पूर्व ही सभी ठेका कामगारों को बोनस की राशि प्रदान की जाएगी।

इस अवसर पर ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि परमानेंट और ठेका कामगारों के लिए समान काम, समान वेतन, समान बोनस और सभी सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन को और तेज करने की आवश्यकता है।

श्रम सेवा भू-विस्थापित कामगार संगठन के संरक्षक विजय महंत ने आंदोलन की सफलता पर खुशी जताई और कहा कि इस साल का बोनस भविष्य में नियम के रूप में सुनिश्चित करने का प्रयास जारी रहेगा।

संगठन के सदस्य अशोक पटेल ने बताया कि ठेका कामगारों के वेतन, भत्ता, मेडिकल और सामाजिक सुरक्षा जैसी अन्य मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।

धरना प्रदर्शन में एसईसीएल कुसमुंडा की आउटसोर्सिंग कंपनियों के अंतर्गत कार्यरत सैकड़ों ड्राइवर, हेल्पर, सुपरवाइजर और अन्य कर्मचारी शामिल हुए। यह आंदोलन ठेका कामगारों की एकता और शक्ति का प्रतीक बन गया है।

त्रिपक्षीय वार्ता में श्रम सेवा भू-विस्थापित कामगार संगठन के सदस्य राजेंद्र पटेल, देगूपोल, राजकुमार, संतोष, सेवाराम, विनोद, सारथी, महावीर, कोमल खरे, रजनीकांत, देवप्रसाद, अजय और ऊर्जाधानी संगठन के विजयपाल सिंह तंवर, बसंत कुमार कंवर, संतोष चौहान, ललित महिलांगे ने भाग लिया। एसईसीएल की ओर से एपीएम वीरेंद्र कार्विक, प्रबंधक रोहित श्रीवास, नीलकंठ, कंपनी के एचआर मुकेश सिंह और विनोद चौधरी, प्रोडक्शन इंचार्ज भी मौजूद थे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित