केंद्रपाड़ा , अक्टूबर 31 -- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने ओडिशा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (ओएसएलएसए) को पीड़ित मुआवज़ा योजना के तहत दुष्कर्म पीड़िता को मुआवज़ा देने में तेज़ी लाने का निर्देश दिया है।

आयोग ने यह आदेश केंद्रपाड़ा स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता सागर जेना की ओर से याचिका पेश किये जाने के बाद दिया है। आयोग ने चार हफ़्तों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी तथा ओएसएलएसए को पीड़िता को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त केंद्रपाड़ा के पुलिस अधीक्षक को इस प्रक्रिया की निगरानी करने और चार हफ़्तों के भीतर आयोग को भुगतान का प्रमाण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। ओएसएलएसए को पांच दिसंबर, 2025 तक आवश्यकतानुसार कोई भी अतिरिक्त या पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है।

याचिकाकर्ता के अनुसार पीड़िता महिला बस कंडक्टर है और उसके साथ महाकालपाड़ा थाना क्षेत्र में एक बस स्टैंड पर आरोपी ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। आरोपी बस टर्मिनल पर पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत था। आयोग ने 21 जुलाई, 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित कैंप कोर्ट में मामले की समीक्षा की।

सुनवाई में उपस्थित केंद्रपाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने पुष्टि की कि आपराधिक मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस अधीक्षक ने मुआवज़े के संबंध में बताया कि उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, केंद्रपाड़ा के सचिव से पीड़ित मुआवज़ा योजना के तहत भुगतान शुरू करने का अनुरोध किया है।

आयोग ने सचिव को निर्देश दिया कि यदि अनुरोध प्राप्त हुआ है तो तीन सप्ताह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए और पुलिस अधीक्षक को चार सप्ताह के भीतर भुगतान का प्रमाण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

आयोग ने खेद व्यक्त किया कि संबंधित अधिकारियों से मुआवज़े के संबंध में अभी तक कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। आयोग ने ज़ोर दिया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, केंद्रपाड़ा को बिना किसी वैध कारण के पीड़ित के मुआवज़े में देरी नहीं करनी चाहिए और अंतरिम या पूर्ण मुआवज़े का अधिकार अदालत द्वारा सुनवाई के दौरान निर्धारित किया जाएगा।

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