प्रयागराज , नवंबर 26 -- उत्तर प्रदेश में माघ मेले की तैयारियों का जायजा लेने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एडीजी प्रकाश डी बुधवार को प्रयागराज पहुंचे और जंक्शन स्टेशन का निरीक्षण किया है।

माघ मेला आगामी तीन जनवरी 2026 पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से शुरु होगा।

श्री प्रकाश डी जीआरपी की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज प्रयागराज पहुंचे एसपी जीआरपी के दफ्तर में आरपीएफ और जीआरपी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने प्रयागराज जंक्शन स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण भी किया।

उन्होंने कहा कि माघ मेले को लेकर जीआरपी की तैयारी पूरी है। उन्होंने कहा कि हमारी यह कोशिश है कि देश के कोने-कोने से जो श्रद्धालु यहां पर आएंगे उनकी यात्रा सुगम हो और सुरक्षित हो। उन्होंने कहा कि माघ मेले को लेकर जीआरपी की ओर से कार्य योजना तैयार कर ली गई है। जिस तरह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ है। उसी तर्ज पर माघ मेले में भी जीआरपी अपनी तैयारी कर रही है। प्रयागराज अंतर्गत आने वाले सभी नौ रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ की तर्ज पर ही प्लेटफार्म पर अलग-अलग रंग से कोडिंग की जाएगी। इसके अलावा भीड़ बढ़ने पर जिस तरह से महाकुंभ में खुसरो बाग में होल्डिंग एरिया बनाया गया था। उसी तरह से होल्डिंग एरिया भी बनाया जाएगा। होल्डिंग एरिया में यात्रियों के लिए टॉयलेट और पीने के पानी का इंतजाम रहेगा। महाकुंभ की तर्ज पर मेला क्षेत्र से लेकर रेलवे स्टेशनों पर साइनेजेज लगाए जाएंगे। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर मल्टी लैंग्वेज अनाउंसमेंट की व्यवस्था रहेगी।

उन्होंने लोगों से अपील की है कि पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी की ओर से जो भी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे वे यात्रियों की सुरक्षा के लिए है। उसका लोग पालन करें।

हाल में दिल्ली में हुए बम विस्फोट के बाद आयोजित होने जा रहे सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे से लेकर अत्याधुनिक उपकरणों से गेटों पर चेकिंग की जाएगी।

एडीजी जीआरपी के अनुसार नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के जीएम के साथ भी बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। एडीजी रेलवे के मुताबिक अतिरिक्त पुलिस फोर्स की भी व्यवस्था की गई है। उनके मुताबिक बाहर से जो पुलिस फोर्स मेला ड्यूटी में तैनात की जाएगी उसकी अलग से ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। पुलिस कर्मियों को यह बताया जाएगा कि आने वाले श्रद्धालुओं से किस तरह से बातचीत करनी है, कैसे उनसे व्यवहार और यात्रियों की मदद करनी है।

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