जगदलपुर , अक्टूबर 07 -- माओवादी संगठन के अंदर सशस्त्र संघर्ष को लेकर भ्रांतियाँ और मतभेद तेजी से उभरने लगे हैं। एक तरफ संगठन के शीर्ष नेता वेणुगोपाल उर्फ सोनू दादा ने हथियारबंद आंदोलन को बंद करने को लेकर सरकार से युद्ध विराम की मांग की है।
वहीं उनके समर्थन में अब माड़ डिवीजन ने भी सशस्त्र संघर्ष से पलटने का ऐलान कर दिया है। यह संकेत माओवादियों के अंदर बिखराव की गहरी तस्वीर पेश कर रहा है।
विप्लव माओवादी के प्रभावशाली नेता वेणुगोपाल ने माओवादी कमेटी अभय को भेजे पत्र में एक महीने के लिए युद्ध विराम की अपील की। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी गलत दिशा में जा रही है और हथियारबंद आंदोलन का कोई ठोस नतीजा नहीं निकलेगा। साथ ही जनसामान्य और साथी मओवादियों के नाम चार पन्नों का पत्र लिखकर इस आंदोलन को अपनी हार भी बताया। हालांकि तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता जगन ने वेणुगोपाल की बातों का विरोध किया और जारी संघर्ष की बात कही। इसके बाद माओवादियों ने धमकी भरे शब्दों में वेणुगोपाल को हथियार सौंपने या पार्टी की पीएलजीए से हथियार छिनवाने की चेतावनी भी दी।
इसके विपरीत, माओवादियों के माड़ डिवीजन ने वेणुगोपाल के इस फैसले का समर्थन किया है। डिवीजन की सचिव रानीता ने प्रेस नोट जारी कर स्पष्ट किया कि वेणुगोपाल के नेतृत्व में लिए गए सशस्त्र संघर्ष छोड़ने के निर्णय को उनके डिवीजन के कई विभाग समर्थित हैं। उन्होंने कहा कि देश-विदेश की बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्रांतिकारी आंदोलन में बदलाव आवश्यक है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित