देहरादून , दिसंबर 06 -- उत्तराखंड में पहाड़ों समेत राज्य भर के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों मे वन्यजीवों से आम जनमानस की सुरक्षा को लेकर महिला कांग्रेस ने शनिवार को देहरादून के राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा की अगुवाई में महिला कार्यकर्ताओं ने वन मुख्यालय में धरना देकर प्रदेश भर में वन्यजीवों के हमलों पर रोक लगाने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों को बताया कि मैदानी और पर्वतीय जिलों में वन्यजीवों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं।

जिससे जनता के जान माल और फसलों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही बंदरों के निरंतर आक्रमण से नगर वासी भी लगातार पीड़ित हो रहे हैं। भालू ,बाघ जैसे वन्य जीवों ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है, इससे रक्षा के लिए हर डीएफओ क्षेत्र में ट्रेंकुलाइजर गन, रस्सी,जाल की अतिरिक्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

आशा मनोरमा ने कहा कि हरीश रावत की नेतृत्व वाली सरकार ने बंदर व सूअर बाड़े बनाने के लिए योजनाएं बनाई थी वह इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया था, परंतु वन विभाग की लापरवाही के कारण यह योजना क्रियान्वित नहीं हो पाई है। बंदरों व सूअरों के आतंक से जनता त्राहिमाम कर रही है, इन जानवरों की वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामीणों की खेती-बाड़ी को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

इसी प्रकार हाथियों को आबादी की ओर आने से रोकने के लिए भी योजनाएं बनाई जानी चाहिए। परंतु विभाग की उदासीन के चलते वन्यजीवों के आतंक पर लगाम नहीं लग पा रही है। उनके हिंसक हमले लगातार लगातार प्राण घातक साबित हो रहे हैं। फसलों में जान माल की हानि का मुआवजा देने में भी विभाग कौताही बरत रहा है।

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