भोपाल , अक्टूबर 15 -- केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित महिला किसान दिवस कार्यक्रम में महिला किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बहनों के बिना कृषि संभव नहीं है और महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मज़बूत धुरी हैं। उन्होंने बताया कि 'लखपति दीदी' योजना अब उनके जीवन का मिशन बन गई है और इसके तहत स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से लाखों महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
शिवराज सिंह चौहान ने पोषण और भोजन के साथ-साथ महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को भी उतना ही जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल अपनाना आवश्यक है, जिसमें विविध फसलों और कृषि गतिविधियों का संयोजन शामिल हो। मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि ड्रोन दीदियों के माध्यम से पेस्टिसाइड का छिड़काव किया जा रहा है और 15 हजार स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 70 हजार बहनों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कृषि सखी बनाया जा चुका है और एक लाख और बहनों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं का खेतों में योगदान सदियों से रहा है। पहले जहाँ पुरुष हल चलाते थे, वहीं बहनें बीज डालती और फसल काटती थीं, आज भी सब्ज़ियों की तुड़ाई और पशुपालन में महिलाओं की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा कि मिट्टी, पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों में महिलाओं का समान हक है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की असली ताकत गाँवों और वहाँ की महिलाओं से आती है।
मंत्री ने कहा कि यदि किसान और विशेषकर महिलाएँ आधुनिक तरीकों और इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल को अपनाएँंगी तो खेती लाभकारी बनेगी और ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता में बड़ा योगदान मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ भाषण नहीं, बल्कि किसानों के साथ मिलकर ठोस रणनीति बनाने का प्रयास है, ताकि खेती से निरंतर आय सुनिश्चित की जा सके।
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