नागपुर , दिसंबर 08 -- महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को विधानसभा में 75,286.38 करोड़ रुपये की पूरक मांग पेश की जिसमें प्रस्तावित खर्च का बड़ा हिस्सा किसानों को राहत, सब्सिडी और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर खर्च किया जायेगा।

यह महाराष्ट्र में अब तक की सबसे बड़ी पूरक मांग है। राज्य पर इस समय 9.32 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है।

उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार ने राज्य विधानमंडल के एक हफ़्ते तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के सामने ये मांगें रखीं। ताज़ा प्रस्तावों के साथ, मौजूदा सरकार द्वारा रखी गई कुल पूरक मांगें 1,73,019 करोड़ रुपये हो गयी हैं।

सरकार ने बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवज़े और वित्तीय सहायता के लिये 15,648 करोड़ रुपये जबकि कृषि पंप, मशीनकरघा और हथकरघा इकाइयों के लिये बिजली सब्सिडी के लिय 9,250 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

सरकार ने उद्योग, ऊर्जा, श्रम और खनन विभागों के लिये 9,205 करोड़ रुपये और शहरी विकास विभाग के लिए 9,115.76 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी दिया है।

इसके अलावा राज्य ने राजस्व और वन विभागों के लिये 15,721.08 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है। सदन में पेश किये गये दस्तावेज़ों के अनुसार, इसने लाडली बहना योजना के लिये 6,103 करोड़ रुपये भी आवंटित किये हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग को अन्य कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये 5,024.48 करोड़ रुपये दिये हैं।

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