नागपुर , दिसंबर 07 -- महाराष्ट्र में नागपुर की पुलिस ने विधानसभा के शीतकालीन विधानसभा सत्र से पहले देश के पहले एआई-संचालित भीड़ प्रबंधन सिस्टम 'एआई निरीक्षक' की लांचिंग की।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाना और भगदड़ और आतंकी खतरों जैसी घटनाओं को रोकना है। यह सिस्टम नागपुर पुलिस, स्थानीय टेक्नोलॉजी फर्म और माइक्रोसॉफ्ट का संयुक्त प्रयास है, जो सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन, मोबाइल सर्विलांस यूनिट और रोड चेकपॉइंट से रियल-टाइम डेटा को इंटीग्रेट करता है। 'एआई निरीक्षक'में भीड़ घनत्व मैपिंग, अनुमानित भीड़ बढ़ने के अलर्ट, असामान्य व्यवहार का पता लगाना, लावारिस वस्तुएं, धारदार हथियार और प्रतिबंधित क्षेत्र के उल्लंघन जैसी सुविधाएं हैं। इसमें संदिग्धों को ट्रैक करने के लिए चेहरे की पहचान, रियल-टाइम लोगों की आवाजाही का माप और व्यवहार संबंधी असामान्यताओं के लिए जोखिम अलर्ट भी शामिल हैं। एक खास हिस्सा पुलिस एआई एजेंट चैटबॉट है, जो प्राथमिकी , घटनाओं, संदिग्धों और वाहनों के इतिहास तक तुरंत पहुंच प्रदान करता है, जिससे फील्ड अधिकारियों और कमांड सेंटर को लगाताउर सहायता मिलती है।

उन्होंने बताया कि पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल और उपायुक्त की मुख्य टीम की देखरेख में इस सिस्टम से विधानसभा के दौरान भीड़भाड़ को रोकने, पुलिस की तैनाती को बेहतर बनाने और वीआईपी रूट की सुरक्षा सुनिश्चित करने की उम्मीद है। उनका कहना है कि नागपुर में "एआई निरीक्षक"की सफलता प्रदेश भर में इसे अपनाने का रास्ता खोल सकती है, जिससे एआई-संचालित शासन में महाराष्ट्र की स्थिति एक अग्रणी के रूप में मजबूत होगी।

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