जयपुर , दिसंबर 27 -- राजस्थान पुलिस ने महाराष्ट्र के शोलापुर जिले मे बंधक बनाये गये राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी समुदाय के तेरह महिलाओं सहित 53 लोगों को छुड़ाकर लाया गया है।
प्रतापगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक बी. आदित्य ने शुक्रवार देर रात प्रतापगढ़ में मीडिया को यह जानकारी दी। श्री आदित्य ने बताया कि गत 22 दिसंबर को सूचना मिली थी कि जिला प्रतापगढ़ के घण्टाली, पीपलखूॅट, पारसोला थाना क्षैत्र के ग्राम वरदा, जामली, मालिया, गोठड़ा, उमरिया पाड़ा, बड़ा काली घाटी, ठेसला एवं कुमारी तथा अन्य गांवों के महिला एवं पुरूष जिनको मजदुरी के लिये महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के पुलिस थाना अकलूज क्षैत्र के जाबुड़ गांव मे मजदुरी के लिये स्थानीय व्यक्ति की मदद से करीब दो महीने पूर्व ले जाया गया था।
उन्होंने बताया कि मजदूरी के लिए गये व्यक्तियों ने कुछ समय बाद अपने परिजनों से जरिये फोन वार्ता करते हुए बताया कि उनके साथ मजदुरी के लिये लेकर जाने वाले दलाल सीताराम पाटिल (महाराष्ट्र) व अलवर राजस्थान के खान नामक व्यक्ति एक स्थानीय व्यक्ति ने प्लानिंग बना कर इन्दौर मध्यप्रदेश मे प्रति व्यक्ति 500 रूपये मजदुरी दिलाने व खाना व रहना फ्री होने का झांसा देकर करीब 100 लोगों को महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के अकलूज थाना क्षैत्र मे जाबुड़ गांव लेकर गये। जहां पर तीनों व्यक्तियों ने योजना बनाकर सभी को अलग - अलग जमीदारों के पास गन्ने के खेतों मे मजदुरी के लिये रख दिया। अलवर राजस्थान के दलाल खान नामक व्यक्ति ने महाराष्ट्र के जमीदारों से मजदुरों की मजदुरी के साढ़े नौ लाख रूपये एडवांस लेकर अलवर आ गया। इसी प्रकार महाराष्ट्र दलाल सीताराम पाटिल ने भी जमीदारों से 18 लाख रूपये एडवांस मजदूरी के तौर पर ले लिये।
बाद में जमीदारों के द्वारा मजदुरी के लिए गये व्यक्तियों के द्वारा अपनी मजदुरी के रूपये मांगने पर दलाल सीताराम पाटिल एवं अन्य जमीदारों के द्वारा मजदूरों पर अत्याचार शुरू कर दिया एवं गन्ने के फार्म हाउस पर बने मकान एवं बाड़ों मे बंधक बनाकर जबरन काम कराया जाने लगा। जिससे परेशान होकर मौका मिलने पर कई मजदूर उनके चुंगल से छूटकर भागकर वापस आ गये।
उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस टीम द्वारा महाराष्ट्र के शोलापुर जिले मे बंधक बनाये गये प्रतापगढ़ जिले के 53 आदिवासी मजदुरों को छुड़ा लिया गया। उन्होंने बताया कि षडयंत्र मे शामिल आरोपियों के खिलाफ घण्टाली थाने में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। छुड़ाये गये मजदुरों को उनके गांव पहुंचाया गया है।
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