चौधरी संभाजीनगर , नवंबर 29 -- महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर फर्जी आईएएस अधिकारी मामले की जांच का दायरा बढ़ गया है तथा पुलिस अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान से संभावित लिंक की जांच कर रही है।

स्थानीय पुलिस के मुताबिक शुक्रवार देर रात दिल्ली से एक अफगान नागरिक को हिरासत में लिया गया। इस सिलसिले में एक और आदमी को भी पकड़ा गया है जिसने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री का अधिकारी ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) बताया था।

मामले की मुख्य आरोपी और बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर मराठवाड़ा युनिवर्सिटी की सीनियर असिस्टेंट कल्पना त्र्यंबकराव भागवत (45) को एक आईएएस अपॉइंटमेंट लेटर बनाने और 2017 बैच की आईएएस अधिकारी होने का नाटक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। भागवत ने यूपीएससी परीक्षा पास करने का झूठा दावा करने के बाद अपनी यूनिवर्सिटी की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। फिर वह जालना रोड पर एक लग्जरी होटल में छह महीने तक रहीं, जिसमें उन्होंने खुद को आईएएस अधिकारी दिखाने वाले एक छेड़छाड़ किए हुए आधार कार्ड का इस्तेमाल किया और हर दिन लगभग 7,000 रुपये दिए। उसके होटल के कमरे की तलाशी में 2017 की सिविल सर्विसेज अपॉइंटमेंट लिस्ट की पांच पेज की नकली फोटोकॉपी मिली, जिसमें उसका नाम सीरियल नंबर 333 पर था। साथ ही, दो संदिग्ध चेक मिले। एक 19 करोड़ रुपये का और दूसरा 6 लाख रुपये का, और विजिटिंग कार्ड मिले, जिनमें उसे सीनियर आईएएस या केंद्र सरकार का अधिकारी बताया गया था।

जांच करने वालों ने पाया कि 1 जनवरी से 21 नवंबर, 2025 के बीच कई लोगों ने उसके अकाउंट में करीब 32.68 लाख रुपये जमा किए थे। पेमेंट का मकसद वेरिफाई करने के लिए बड़े कंट्रीब्यूटर्स को नोटिस भेजे गए हैं। जांच में पुलिस को मोहम्मद अशरफ खिल का पता चला, जो एक अफगान नागरिक और भागवत का करीबी साथी है। वह कई सालों से दिल्ली में रह रहा है। कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि उनके बीच वीजा एप्लीकेशन और पाकिस्तान में रहने वाले लोगों से जुड़े मामलों पर अक्सर बातचीत होती थी, जिसमें अशरफ का भाई भी शामिल था।

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