नयी दिल्ली , अक्टूबर 24 -- राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए शुक्रवार को महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में स्थानीय समुदायों को वाणिज्यिक उपयोग के लाभों को पहुंचाने के लिए 1.36 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
एनबीए की यह वित्तीय सहायता महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के राज्य जैव विविधता बोर्डों के माध्यम से तीन जैव विविधता प्रबंधन समितियों को दी जायेगी जिसमें महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटन तालुका के सखारवाड़ी गांव, पुणे के हवेली तालुका के कुंजिरवाड़ी गांव और उत्तर प्रदेश के एटा जिले के कासगंज क्षेत्र शामिल हैं।
इन क्षेत्रों की प्रत्येक जैव विविधता प्रबंधन समिति को 45.50 लाख की राशि दी जाएगी। यह कदम समता, स्थिरता और संरक्षण के सिद्धांतों के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह राशि वाणिज्यिक संस्था द्वारा फ्रुक्टो-ओलिगोसेकेराइड उत्पादों के उत्पादन के लिए मिट्टी और औद्योगिक अपशिष्ट के नमूनों से सूक्ष्मजीवों तक पहुंच प्राप्त करने के बाद प्राप्त होती है। यह धनराशि जैविक विविधता अधिनियम 2002 की धारा 44 और संबंधित राज्य जैव विविधता नियमों के अंतर्गत उल्लिखित गतिविधियों के लिए निर्धारित है।
यह वित्तीय रणनीति देश की समृद्ध जैविक विरासत के आवश्यक संरक्षक के रूप में स्थानीय समुदायों को मान्यता देने और उन्हें पुरस्कृत करने में राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की सक्रिय भूमिका को उजागर करती है।
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