लखनऊ , नवम्बर 20 -- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के महानगर परिवहन सेवा के परिचालकों को पुन: निगम सेवा शामिल किया जाएगा।
यह जानकारी परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) प्रभु एन सिंह ने गुरुवार को दी।
श्री प्रभु एन सिंह ने बताया कि वर्ष 2009 में नगरीय विकास विभाग के अधीन लखनऊ सहित विभिन्न महानगरों में महानगर परिवहन सेवा की स्थापना की गई थी। इस दौरान सीएनजी एवं डीज़ल चालित बसों का संचालन प्रारंभ हुआ था। इन वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी परिवहन निगम के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों पर थी। परिचालकों की नियुक्ति भी निगम स्तर पर ही की गई थी, न कि किसी निजी सेवा प्रदाता के माध्यम से।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के अधीन संचालित अधिकांश बसें अपनी निर्धारित आयु पूरी कर चुकी हैं, जिसके कारण उनका संचालन बंद हो गया है और बसों की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में लगभग 15 वर्ष से अधिक अनुभव रखने वाले परिचालकों को परिवहन निगम में पुनः सेवा में रखना तर्कसंगत पाया गया है। इससे एक ओर बेरोजगारी की स्थिति का सामना कर रहे परिचालकों को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर निगम में परिचालकों की कमी भी दूर हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि ऐसे संविदा परिचालक जो पहले यूपीएसआरटीसी से सीधे रखे गए थे और जिनकी प्रतिभूति राशि निगम में जमा है, तथा जो पुनः निगम में सेवा देना चाहते हैं, उनके प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। पुनर्नियुक्ति के लिए परिचालकों के पास वैध परिचालक लाइसेंस होना आवश्यक है। उनके विरुद्ध कोई अनुशासनिक या विधिक प्रकरण लंबित नहीं होना चाहिए तथा उनकी अनुबंध अवधि खंडित न हो। साथ ही इंटरमीडिएट की शैक्षिक योग्यता एवं मान्यता प्राप्त संस्थान से 'सीसीसी' कंप्यूटर प्रमाणपत्र भी अनिवार्य है। जिनके पास यह प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं है, उन्हें इसे प्राप्त करने के लिए प्रथम चरण में छह माह का समय दिया जाएगा।
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