कोट्टायम , अक्टूबर 01 -- केरल के कोट्टायम जिले के निवासी और महात्मा गांधी राष्ट्रीय फाउंडेशन के अध्यक्ष एबी जे. जोस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की छवि के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया है। वह देश और विदेश में गांधीजी के गलत चित्रण और आपत्तिजनक निरूपण के मामलों को हमेशा उठाते रहे हैं।

श्री जोस भारत और विदेश में गांधीजी की छवि को खराब करने वाले कृत्यों के खिलाफ वर्षों से अकेले ही लड़ते रहे हैं। वर्षों के उनके अथक प्रयासों ने अंतरराष्ट्रीय निगमों और यहां तक कि सरकारों को भी गांधीजी के आपत्तिजनक चित्रण को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया है। हाल ही में उन्होंने लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में गांधीजी की कांस्य प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से शिकायत करते हुए हस्तक्षेप की मांग की थी।

उनके सबसे उल्लेखनीय अभियानों में से एक रूस, इज़रायल और चेक गणराज्य में बीयर की बोतलों और कैन पर गांधीजी की छवि के इस्तेमाल के खिलाफ था। श्री जोस ने सीधे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव को पत्र लिख कर इसकी शिकायत की थी। बाद में कंपनी को माफी मांगनी पड़ी और उत्पादों को वापस लेना पड़ा ।

इज़रायल में देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मल्का नाम की एक शराब कंपनी ने सीमित संस्करण की बोतलें जारी की थीं, जिनमें गांधीजी का मजाक उडाते हुए उन्हें कोट पहने, ठंडा गिलास पकड़े और शराब पकड़े हुए दिखाया गया था। श्री जोस ने इस मामले को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुँचाया, जिसके बाद यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया गया। राज्यसभा के तत्कालीन सभापति और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को इस मामले में हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया, जिसके बाद इज़रायली कंपनी काे बोतलें वापस लेनी पड़ी और माफी मांगनी पड़ी।

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