पटना , अक्टूबर 18 -- बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद भी शुक्रवार को महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जद्दोजहद जारी रही है और इस मुद्दे पर उसके घटकों के बीच 'फ्रेंडली फाइट' के आसार बन रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शीर्ष नेता अपने उम्मीदवारों के नामांकन में भाग लेने के साथ जोर शोर से चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे हैं।

बिहार के किसी भी चुनाव में शायद यह पहला मौका है, जब गठबंधन के घटक दलों ने सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए बिना अपने उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए चुनाव चिन्ह आवंटित करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और महागठबंधन के अन्य दलों के नेता रविवार से ही दावा कर रहे थे कि उनके बीच सीट बंटवारे को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा, लेकिन मुद्दा अभी भी सुलझा नहीं है।

महागठबंधन में लगातार गतिरोध के बीच घटक दलों ने लगभग एक दर्जन सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे दिए हैं। राजनीतिक गलियारों में इसे 'फ्रेंडली फाइट' की संज्ञा दी जाती है। जिन क्षेत्रों में महागठबंधन दोस्ताना लड़ाई को तैयार दिख रहा है. उनमे वैशाली, कहलगांव, वारिसलीगंज, गुआरा-बोराम, बछवाड़ा, राजपाकर, रोसड़ा और बिहार-शरीफ शामिल हैं।

बछवाड़ा में, सीपीआई उम्मीदवार अवधेश राय और कांग्रेस उम्मीदवारगरीब दास ने महागठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। यही स्थिति अन्य सीटों पर भी है जहाँ महागठबंधन के घटक दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं।

महागठबंधन में सबसे आश्चर्यजनक और दिलचस्प बात यह है कि राजद ने राज्य के औरंगाबाद जिले की कुटुम्बा सीट से बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ उम्मीदवार उतारा है। श्री राम ने चेतावनी दी है कि वह किसी भी कीमत पर कुटुम्बा से चुनाव लड़ेंगे और राजद के लिए यह सीट छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।

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