कोरबा , नवंबर 01 -- छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की ओर से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मानिकपुर में महतारी की भव्य पूजा-अर्चना एवं आरती का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश की सुख-समृद्धि, एकता और विकास की कामना की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के समक्ष राज गीत गाकर की गई, जिसके बाद संगठन के पदाधिकारियों और उपस्थित नागरिकों ने पारंपरिक विधि से आरती कर राज्य की खुशहाली की प्रार्थना की।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने दादर क्षेत्र में वृक्षारोपण अभियान चलाया। "एक पेड़ छत्तीसगढ़ महतारी के नाम" पहल के तहत बड़ी संख्या में पौधे लगाए गए, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ सांस्कृतिक पहचान को भी जोड़ने का संदेश दिया गया।

प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरी ने बताया कि छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना एक गैर-राजनीतिक संगठन है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति, परंपरा और पहचान को संरक्षित रखना है। उन्होंने कहा कि एक नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था, और तब से यह दिन छत्तीसगढ़वासियों के गौरव का प्रतीक बन गया है।

संगठन द्वारा बताया गया कि इस तरह के आयोजन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने, नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने और बाहरी सांस्कृतिक प्रभावों से बचाने का माध्यम हैं। कार्यक्रम के दौरान संगठन के सदस्यों ने भविष्य में संस्कृति संरक्षण के लिए ठोस पहल पर चर्चा भी की।

दिनभर मानिकपुर व आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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