कोलकाता , दिसंबर 14 -- चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत नामांकन पूरा होने के मात्र 24 घंटे बाद मतदाता सूची से हटाए जाने वाले मतदाताओं का विधानसभावार विस्तृत विवरण जारी किया।

आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में मतदाताओं का पाँचवाँ हिस्सा हटाए जाने के लिए चिह्नित किया गया है, जबकि उत्तरी कोलकाता का चौरंगी निर्वाचन क्षेत्र पूरे पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है।

आंकड़ों के के अनुसार, भवानीपुर में कुल 2,06,295 पंजीकृत मतदाता थे। इनमें से 44,787 मतदाताओं (21.71 प्रतिशत) को हटाए जाने के लिए चिह्नित किया गया है।

मुख्यमंत्री के क्षेत्र में हटाए जाने वाले मतदाताओं में सबसे बड़ी संख्या 'अनट्रेसेबल' श्रेणी (19,471) में है, इसके बाद मृत्यु (10,897) और स्थानांतरित मतदाता (12,547) हैं। दोहरे नामांकन के कारण 1,097 और अन्य कारणों से 775 मतदाता हटाए गए।

चुनाव अधिकारियों ने कहा कि ये आंकड़े घर-घर जाकर किए गए विस्तृत सत्यापन अभियान का परिणाम हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित या नामों के दोहराव को हटाकर मतदाता सूची को साफ़ करना है।"भवानीपुर का आंकड़ा राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह निर्वाचन क्षेत्र 'हाई-प्रोफ़ाइल' है। ममता बनर्जी ने 2021 के भवानीपुर उपचुनाव में 58,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। अब 44,000 से अधिक नामों के हटाये जाने वाली सूची में शामिल होने के कारण इस पुनरीक्षण पर राजनीतिक निगरानी बढ़ गयी है।

दक्षिण कोलकाता में भी यही प्रवृत्ति जारी है। बैलीगंज में 2,55,190 मतदाताओं में से 65,171 हटाए जाने के लिए चिह्नित हैं (25.54 प्रतिशत)। वहीं कोलकाता पोर्ट में 63,730 नाम हटाए गए (26.18 प्रतिशत), राशबिहारी में 42,519 (21 प्रतिशत) और भवानीपुर में 44,787 मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने के लिए चिन्हित किया गया है।

दक्षिण कोलकाता में कुल 9,07,456 मतदाता हैं, जिनमें से 2,16,207 ( 23.83 प्रतिशत) हटाए जाने के लिए चिह्नित हैं। इस क्षेत्र में 'अनट्रेसेबल' मतदाता (70,589) और स्थानांतरित मतदाता (80,692) चिन्हित किये गये हैं।

उत्तरी कोलकाता के आंकड़े सबसे अधिक उल्लेखनीय है। चौरंगी (विधानसभा क्षेत्र संख्या 162) में राज्य में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं। 2,10,246 मतदाताओं में से 74,553 नाम (35.46 प्रतिशत) हटाए जाने के लिए चिह्नित हैं।

यहाँ हटाये जाने के लिए चिन्हित मतदाताओं में सबसे अधिक संख्या 'अनट्रेसेबल' मतदाताओं (35,042) की है, इसके बाद स्थानांतरित हो चुके मतदाता (25,053) हैं। 13,742 मतदाताओं को मृत्यु के कारण हटाए जाने के लिए चिन्हित किया गया है।

मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक संख्या है। उन्होंने कहा, "शहरी गतिशीलता, किरायेदारों की आबादी और पुराने पते चौरंगी जैसे क्षेत्रों में 'अनट्रेसेबल' संख्या को बढ़ाते हैं।"चौरंगी के बाद जोरासांको है। यहाँ हालांकि हटाए जाने वाला मतदाताओं की संख्या चौरंगी की तुलना में कम है, लेकिन उनका प्रतिशत चौरंगी की तुलना में अधिक है। जोरासांको में 1,97,839 मतदाताओं में से 72,900 (36.85 प्रतिशत) नाम हटाए जाने के लिए सूचीबद्ध हैं। यहाँ भी हटाए जाने के लिए चिन्हित मतदाताओं में से सबसे अधिक अनट्रेसेबल मतदाता (37,193) हैं।

उत्तरी कोलकाता के अन्य क्षेत्र भी महत्वपूर्ण हैं। एंटली में 49,084 हटाए गए (20.54 प्रतिशत), बेलघाटा 56,487 (22.42 प्रतिशत), श्यामपुर 42,303 (24.06 प्रतिशत), मणिकटला 41,870 (20.05 प्रतिशत) और काशीपुर-बेलगाचिया में 53,360 (23.96 प्रतिशत) मतदाता।

कुल मिलाकर, उत्तरी कोलकाता में 15,06,339 मतदाता हैं, जिनमें से 3,90,557 नाम (25.93 प्रतिशत) हटाए जाने के लिए चिह्नित हैं।

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