पटना , दिसंबर 01 -- बिहार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पश्चिम बंगाल प्रभारी मंगल पांडेय ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को पूरी तरह बाधित कर रही हैं।
श्री पांडेय ने बयान जारी कर आज कहा कि ममता बनर्जी सत्ता का दुरुपयोग कर बूथ लेवल अधिकारी( बीएलओ) पर प्रदर्शन का दबाव बना रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में बिहार में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश पर एसआईआर प्रक्रिया शांतिपूर्ण संपन्न हुई और बिहार में केवल दो चरणों में ही शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव भी संपन्न हो गया। देश के अन्य हिस्सों में भी एसआईआर पर कोई विवाद नहीं है लेकिन पश्चिम बंगाल की अराजक सरकार की मुखिया ममता दीदी हार के डर से एसआईआर की प्रक्रिया के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं।
श्री पांडेय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया में लगे बीएलओ पर प्रदर्शन का दबाव सरकार बना रही है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी और पूरा इंडिया गठबंधन अलोकतांत्रिक है। इन लोगों का लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है। ये लोग न तो चुनाव आयोग को मानते हैं न देश की चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार इनको भाती हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि संविधान की दुहाई देने वाले विपक्ष के लोग संविधान भी नहीं मानते हैं। यही वजह है कि बंगाल में चुनाव आयोग की प्रक्रिया में खलल डालकर बाधा उत्पन्न करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को हार का डर सता रहा है, इसलिए ऐसे फर्जी वोटर जो घुसपैठिये हैं, उनको संरक्षण देने के लिए सरकार प्रपंच रच रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एवं चुनाव आयोग पर इसे बंद करने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन ममता दीदी की कोई चाल कामयाब नहीं होगी और इस चुनाव में जनता उनकी पार्टी को सबक सिखाएगी।
मंत्री ने आरोप लगाया कि ममता दीदी के शासन में राज्य में खूनी रंजिश एवं खूनी संघर्ष आम बात है। उन्होंने कहा कि राज्य में जब भी कोई चुनाव होता है तो यहां खून खराबा जमकर होता है। ये सब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर ही होता है। उन्हीं के इशारे पर राज्य में बीएलओ ने कोलकाता में निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर खूब हंगामा किया। बीते हफ्ते भी विरोध प्रदर्शन के दौरान बीएलओ ने जबरन राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय में प्रवेश करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि ये सब सरकार प्रायोजित है और इस मामले में चुनाव आयोग ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर निर्वाचन आयुक्त की सुरक्षा में चूक को बेहद गंभीर बताते हुए निर्वाचन अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
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