, Oct. 17 -- मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों मे उन्होंने कलात्मक फिल्मो के महारथी नसीरूदीन शाह .शबाना आजमी .अमोल पालेकर और अमरीश पुरी जैसे कलाकारो के साथ काम किया और अपनी अदाकारी का जौहर दिखाकर अपना सिक्का जमाने मे कामयाब हुयी । फिल्म ..भूमिका ..से स्मिता पाटिल का जो सफर शुरू हुआ वह चक्र .निशांत .आक्रोश .गिद्ध.अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है और मिर्च मसाला जैसी फिल्मों तक जारी रहा । वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ..चक्र .. में स्मिता पाटिल ने झुग्गी. झोंपड़ी में रहने वाली महिला के किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया 1इसके साथ ही फिल्म ..चक्र..के लिये वह दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित की गयी ।

अस्सी के दशक में स्मिता पाटिल ने व्यावसायिक सिनेमा की ओर भी अपना रूख कर लिया । इस दौरान उन्हें सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ ..नमक हलाल ..और ..शक्ति जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला जिसकी सफलता के बाद स्मिता पाटिल को व्यावसायिक सिनेमा में भी स्थापित कर दिया ।

अस्सी के दशक में स्मिता पाटिल ने व्यावसायिक सिनेमा के साथ.साथ समानांतर सिनेमा में भी अपना सामंजस्य बिठाये रखा । इस दौरान उनकी सुबह.बाजार.भींगी पलकें.अर्थ.अर्द्धसत्य और मंडी जैसी कलात्मक फिल्में और दर्द का रिश्ता.कसम पैदा करने वाले की.आखिर क्यों .गुलामी.अमृत.नजराना और डांस डांस जैसी व्यावसायिक फिल्में प्रदर्शित हुयी जिसमें स्मिता पाटिल के अभिनय के विविध रूप दर्शको को देखने को मिले।

वर्ष 1985 में स्मिता पाटिल की फिल्म ..मिर्च मसाला ..प्रदर्शित हुयी। सौराष्ट्र की आजादी के पूर्व की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म मिर्च मसाला ने निर्देशक केतन मेहता को अंतराष्ट्रीय ख्याति दिलाई थी। यह फिल्म सांमतवादी व्यवस्था के बीच पिसती औरत की संघर्ष की कहानी बयां करती है। यह फिल्म आज भी स्मिता पाटिल के सशक्त अभिनय के लिये याद की जाती है।

वर्ष 1985 में भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान को देखते हुये वह पदमश्री से सम्मानित की गयी ।हिंदी फिल्मों के अलावा स्मिता पाटिल ने मराठी.गुजराती.तेलगू.बंग्ला.कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में भी अपनी कला का जौहर दिखाया । इसके अलावा स्मिता पाटिल को महान फिल्मकार सत्यजीत रे के साथ भी काम करने का मौका मिला । मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित टेलीफिल्म ..सदगति ..स्मिता पाटिल अभिनीत श्रेष्ठ फिल्मों में आज भी याद की जाती है लगभग दो दशक तक अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों के बीच खास पहचान बनाने वाली यह अभिनेत्री महज 31 वर्ष की उम्र में 13 दिसंबर 1986 को इस दुनिया को अलविदा कह गयी । उनकी मौत के बाद वर्ष 1988 में उनकी फिल्म ..वारिस ..प्रदर्शित हुयी जो स्मिता पाटिल के सिने कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है ।

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