, Oct. 17 -- वर्ष 1970 में सिम्मी को राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में काम करने का अवसर मिला।इस फिल्म में उन्होंने एक युवा टीचर की भूमिका निभाई थी, जिसे उसके स्कूल में पढ़ने वाला छात्र प्यार करने लगता है।फिल्म में युवा छात्र की भूमिका ऋषि कपूर ने निभाई थी। फिल्म में अपने बोल्ड दृश्यों के कारण सिम्मी को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।वर्ष 1970 में ही सिम्मी के करियर की एक और अहम फिल्म 'अरण्ये दिन रात्रि' प्रदर्शित हुयी।इस फिल्म में उन्हें पहली बार महान निर्माता-निर्देशक सत्यजीत रे के साथ काम करने का अवसर मिला।इस फिल्म में अभिनेत्री शर्मिला टैगोर की मौजूदगी के बावजूद सिम्मी दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब हो गयीं।
वर्ष 1976 में सिम्मी ग्रेवाल की 'कभी कभी' और 'चलते चलते' जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुयी।फिल्म कभी कभी में उन्हें मशहूर निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा के साथ काम करने का अवसर मिला।फिल्म चलते चलते में किशोर कुमार की आवाज में उनपर फिल्माया यह गीत ..चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना ... आज भी श्रोताओं को भावविभोर कर देता है ।अभिनय में एकरूपता से बचने और स्वयं को चरित्र अभिनेत्री के रूप में भी स्थापित करने के लिये सिम्मी ने अपने को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इस क्रम में उन्होंने सुभाष घई की सुपरहिट फिल्म 'कर्ज' में खलनायिका का किरदार निभाया। पुनर्जनम पर आधारित इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी महात्वाकांक्षी युवती का किरदार निभाया जो दौलत के लालच में अपने पति का खून करने से भी नही हिचकती।इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामंकित की गयी ।
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