, Oct. 21 -- चार अगस्त 1955 को शम्मी कपूर ने गीताबाली को फोन किया और कहा 'मै तुम्हें लेने आ रहा हू। जब शम्मीकपूर गीता बाली को लेने उनके घर पहुंचे तो काफी रात भी हो चुकी थी और बारिश भी हो रही थी। दोनो मंदिर में गये। उस समय रात हो गयी थी। दोनो मंदिर में ही रूके रहे। जब सुबह चार बजे पुजारी ने मंदिर में प्रवेश किया तो तभी उनकी शादी हो सकी।
शम्मी कपूर के अभिनय का सितारा निर्देशक नासिर हुसैन की वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' से चमका। बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने शम्मी कपूर को ,स्टार, के रूप में स्थापित कर दिया। आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।साठ के दशक में शम्मी कपूर शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। जब कभी फिल्म निर्माताओं को किसी नयी नायिका को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने का मौका देना होता था, वे उसे शम्मी कपूर की नायिका के रूप में अपनी फिल्म में लेते थे। इन नायिकाओं में सायरा बानो (जंगली ) आशा पारिख (दिल दे के देखो) साधना राजकुमार और शर्मिला टैगोर (कश्मीर की कली) शामिल है।
आज के दौर में इंटरनेट के कई लोग दीवाने है। दिलचस्प बात यह है कि शम्मी कपूर फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, देश मे भी इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले कुछ प्रारंभिक लोगों में है। अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों पर खास पहचान बनाने वाले शम्मी कपूर 14 अगस्त 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।
शम्मी कपूर ने अपने पांच दशक के सिने कैरियर में लगभग 200 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्में है रंगीन रातें, तुमसा नही देखा ,मुजरिम, उजाला दिल देके देखो ,जंगली, प्रोफेसर चाइना टाउन, ब्लफ मास्टर , कश्मीर की कली, राजकुमार, जानवर, तीसरी मंजिल ,ऐन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी , तुमसे अच्छा कौन है, प्रिंस ,अंदाज ,जमीर ,परवरिश ,प्रेम रोग, विधाता, देशप्रेमी, हीरो विधाता आदि।
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