, Oct. 27 -- नदीम-श्रवण के संगीत निर्देशन में अनुराधा पौडवाल की आवाज में रचा बसा सांसो की जरूरत हो जैसे, नजर के सामने जिगर के पार, अब तेरे बिन जी लेंगे हम, धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना, मैं दुनिया भूला दूंगा तेरी चाहत में और मेरा दिल तेरे लिये धड़कता है। श्रोताओं में काफी लोकप्रिय हुये।उनकी आवाज ने फिल्म को सुपरहिट बनाने में अहम भूमिका निभायी।फिल्म में अनुराधा पौडवाल को नजर के सामने जिगर के पार गीत के लिये सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ ।आशिकी की सफलता के बाद अनुराधा पौडवाल को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गये।इनमें बागी, बहार आने तक, कुर्बान, साजन, साथी, फूल और कांटे तथा सड़क, जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थी।

इन फिल्मों की सफलता के बाद अनुराधा पौडवाल ने सफलता की नयी बुलंदियों को छुआ और एक से बढक़र एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुंग्ध कर दिया।नब्बे के दशक में अनुराधा उन्होंने निश्चय किया कि वह केवल टी-सीरीज द्वारा जारी भक्ति भावना से प्रेरित फिल्मों या एलबम के लिये ही पार्श्वगायन करेगी।इस क्रम में उन्होंने टी-सीरीज द्वारा जारी कई एलबमों के लिये पार्श्वगायन किया। अनुराधा पौडवाल फिल्म इंडस्ट्री की पहली पार्श्वगायिका बनी जिन्हें कैसेट के कवर पर फिल्म अभिनेता या अभिनेत्रियों की तुलना में अधिक प्रमुखता के साथ दिखाया गया।पार्श्वगायन के लिये चार बार उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

वर्ष 1985 में प्रदर्शित फिल्म उत्सव के गीत मेरे मन में बजा मृदंग के लिये उन्हें यह पुरस्कार दिया गया था।इसके बाद वर्ष 1990 में फिल्म आशिकी के गीत नजर के सामने जिगर के पार, वर्ष 1991 में दिल है कि मानता नही के गीत दिल है कि मानता नहीं और वर्ष 1992 में फिल्म बेटा धक धक करने लगा' के लिये अनुराधा पौडवाल सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।

वर्ष 1989 में प्रदर्शित मराठी फिल्म कलट नकलट के लिये वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित की गयी।उन्हें भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया है ।अपने पांच दशकों के करियर में पौडवाल ने गुजराती , हिंदी , कन्नड़ , मराठी , संस्कृत , बंगाली , तमिल , तेलुगु , ओडिया , असमिया , पंजाबी , भोजपुरी , नेपाली और मैथिली सहित कई भाषाओं में गाने गाये हैं।अनुराधा पौडवाल की शादी अरूण पौडवाल से हुयी थी।उनकी पुत्री कविता पौडवाल जानीमानी गायिका है।

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